नई दिल्ली, 6 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): ग्लोबल शुगर बाजार में कीमतें इस सप्ताह पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, क्योंकि ब्राजील और भारत में उत्पादन अनुमानों में वृद्धि से आपूर्ति का दबाव बढ़ गया है। न्यूयॉर्क ICE एक्सचेंज पर Raw Sugar फ्यूचर्स 0.8% गिरकर 17.20 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुए — जो अक्टूबर 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर है। वहीं लंदन व्हाइट शुगर फ्यूचर्स 0.6% गिरकर $495 प्रति टन पर रहे।
ब्राजील का रिकॉर्ड उत्पादन
दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक ब्राजील में इस सीज़न (अप्रैल 2025–मार्च 2026) में उत्पादन 3.9 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान है — जो पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 8% अधिक है। Unica (ब्राजीलियन शुगर इंडस्ट्री ग्रुप) के अनुसार, मध्य-दक्षिण क्षेत्र में गन्ना क्रशिंग 7% बढ़ी है, और चीनी उत्पादन में वृद्धि एथेनॉल की कमजोर मांग की भरपाई कर रही है। ब्राजीलियन रियाल के कमजोर होने से निर्यात प्रतिस्पर्धा और तेज हो गई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर और दबाव बना।
भारत में भी उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी
भारत में भी इस साल मानसून के बेहतर वितरण और गन्ना फसल की अच्छी स्थिति से उत्पादन बढ़ने का अनुमान है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, 2025–26 के सीजन में देश में 3.25 करोड़ टन से अधिक चीनी उत्पादन की संभावना है, जबकि पिछले वर्ष यह 3.10 करोड़ टन रहा था। हालांकि इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के चलते कुछ मात्रा डायवर्ट होगी, लेकिन कुल आपूर्ति अब भी पर्याप्त रहेगी।
वैश्विक मांग कमजोर, कीमतों पर दबाव
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन और यूरोप में धीमी मांग, तथा एशिया में बढ़ती आपूर्ति ने कीमतों को नीचे धकेला है। विश्लेषकों का कहना है कि हाल के महीनों में थाईलैंड, पाकिस्तान और इंडोनेशिया जैसे बाजारों से आयात मांग कम रही है। Reuters और Bloomberg की रिपोर्टों के अनुसार, हेज फंड्स और स्पेकुलेटिव ट्रेडर्स ने अपने “लॉन्ग पोज़िशन” घटाए हैं, जिससे बाजार में और नरमी आई है।
पिछले एक वर्ष में गिरावट का रुझान
नवंबर 2024 में चीनी की कीमतें लगभग 24 सेंट प्रति पाउंड थीं। नवंबर 2025 में यह घटकर 17 सेंट प्रति पाउंड रह गई — यानी लगभग 30% गिरावट। World Bank Commodity Outlook के अनुसार, यह गिरावट आपूर्ति अधिशेष और ऊर्जा कीमतों में नरमी के कारण है।
भारतीय बाजार पर असर
घरेलू स्तर पर, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की मिलों में एक्स-मिल शुगर प्राइस ₹3,350–₹3,450 प्रति क्विंटल पर स्थिर हैं। ट्रेडर्स का कहना है कि निर्यात बाजार में कम कीमतों के चलते घरेलू बिक्री फिलहाल सीमित है। एक शुगर ट्रेडर ने कहा — “अगर अंतरराष्ट्रीय भाव और गिरते हैं, तो मिलें निर्यात के बजाय घरेलू बिक्री पर ध्यान देंगी, जिससे कीमतों में और नरमी आएगी।”
कमोडिटी विश्लेषकों का अनुमान है कि निकट अवधि में शुगर बाजार “bearish to neutral” रहेगा। हालांकि, ब्राजील में मौसम की अनिश्चितता, भारत में इथेनॉल डाइवर्जन नीति, और ग्लोबल डिमांड रिकवरी आगे चलकर कीमतों में स्थिरीकरण (stabilization) ला सकते हैं। Morgan Stanley का अनुमान है कि 2026 की दूसरी तिमाही में शुगर कीमतें 18.5–19 सेंट प्रति पाउंड के स्तर पर वापस आ सकती हैं।
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