नई दिल्ली, 9 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने खरीफ फसलों की बुवाई का ताजा आंकड़ा जारी किया है, जिसमें 5 सितंबर 2025 तक की स्थिति को दर्शाया गया है। इस आंकड़े में धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज, गन्ना, कपास और मक्का जैसी प्रमुख फसलों के बुवाई रकबे की जानकारी दी गई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, कुल खरीफ फसलों की बुवाई इस साल अब तक सामान्य आंकड़ों से अधिक हो चुकी है, जिससे कृषक समुदाय में उत्साह का माहौल है।
कुल मिलाकर, सामान्य बुवाई का रकबा 1096 लाख हेक्टेयर अनुमानित था, जबकि इस बार अब तक 1105 लाख हेक्टेयर तक बुवाई हो चुकी है। पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस बार 27 लाख हेक्टेयर का इजाफा हुआ है, जो कि बेहतर मानसून और मौसम की अनुकूलता का परिणाम है। पिछले साल इसी अवधि में कुल बुवाई 1078 लाख हेक्टेयर थी।
धान में जोरदार बढ़ोतरी
खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान की बुवाई इस बार 438.28 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो कि पिछले साल के 418.66 लाख हेक्टेयर से 19.63 लाख हेक्टेयर अधिक है। धान की खेती का सामान्य रकबा 403.09 लाख हेक्टेयर है, और अच्छी बारिश के कारण इस साल धान की बुवाई में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है।
दालों की स्थिति – उड़द में वृद्धि, अरहर में गिरावट
दालों की कुल बुवाई में पिछले साल की तुलना में मामूली वृद्धि देखी गई है। इस साल यह 116.40 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 114.46 लाख हेक्टेयर था। उड़द (काली दाल) की बुवाई में 2.01 लाख हेक्टेयर का इजाफा हुआ है और अब यह 23.35 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। वहीं, अरहर (तुअर) की बुवाई में हल्की गिरावट दर्ज की गई है, जो पिछले साल के 45.71 लाख हेक्टेयर से घटकर 45.19 लाख हेक्टेयर रह गई है।
मोटे अनाज और मक्का में जोरदार वृद्धि
मोटे अनाजों की बुवाई में 12.09 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है और यह 191 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जबकि इसका सामान्य रकबा 180 लाख हेक्टेयर था। मक्का की बुवाई में 10.32 लाख हेक्टेयर का इजाफा हुआ है, जिससे यह अब 94.62 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। ज्वार और बाजरा में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया है, हालांकि बाजरा की बुवाई में मामूली गिरावट आई है। रागी की बुवाई में हल्की बढ़ोतरी (0.91 लाख हेक्टेयर) देखी गई है।
तिलहनों की बुवाई में गिरावट
तिलहन फसलों में इस साल कमी देखी गई है, और इसका कुल क्षेत्रफल 5.23 लाख हेक्टेयर घटकर 186 लाख हेक्टेयर रह गया है। सोयाबीन की बुवाई में 5.72 लाख हेक्टेयर की गिरावट आई है। हालांकि मूंगफली की बुवाई में 0.04 लाख हेक्टेयर की हल्की वृद्धि हुई है और यह अब 47.53 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है।
कपास, गन्ना और जूट का रकबा
कपास की बुवाई में 2.96 लाख हेक्टेयर की कमी आई है, और यह 109.17 लाख हेक्टेयर हो गई है। हालांकि, यह अभी भी सामान्य रकबे से काफी कम है, जो 129 लाख हेक्टेयर है। गन्ना क्षेत्रफल में 1.64 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जो इसे 57.31 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा चुका है। जूट की बुवाई में 0.18 लाख हेक्टेयर की कमी आई है।
बुवाई सामान्य से अधिक, लेकिन कुछ क्षेत्रों में नुकसान
इस साल खरीफ फसलों की बुवाई में सामान्य से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है और कई प्रमुख फसलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है। हालांकि, मानसून के दौरान हुई अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण कुछ इलाकों में फसलों को नुकसान भी हुआ है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़ी हुई बुवाई भले ही उत्साहजनक हो, लेकिन मौसम की अनिश्चितताएं और प्राकृतिक आपदाएं फसल उत्पादन पर प्रभाव डाल सकती हैं।
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