मुंबई , 5 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
ग्लोबल मार्किट (Global Market) में चांदी की कीमतों ने हाल के दिनों में एक नई ऊँचाई को छुआ है, और विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी (Silver) की कीमतों का बुलिश ट्रेंड जारी रहेगा, हालांकि इसके साथ करेक्शन (मूल्य में गिरावट) का जोखिम भी बना हुआ है। चांदी की कीमतें मौजूदा स्तरों पर स्थिर बनी रह सकती हैं, लेकिन कुछ तकनीकी संकेतक और बाजार की हालिया स्थिति इसे अस्थिर बना सकते हैं।
चांदी की हालिया स्थिति और प्रमुख कारक
चांदी की कीमतों में मौजूदा वृद्धि का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ, डॉलर में कमजोरी, और उत्पादकता में कमी हैं। वर्तमान में चांदी की कीमतों में $28-$30 प्रति औंस के बीच उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 20%-25% अधिक है।
इसके अतिरिक्त, उधारी दरों में वृद्धि, विनिर्माण मांग और वैश्विक सेंट्रल बैंकों द्वारा सोने और चांदी में निवेश को बढ़ावा देने की योजनाओं ने भी चांदी की कीमतों को बढ़ावा दिया है।
चांदी की मांग और आपूर्ति में असंतुलन
चांदी की औद्योगिक मांग और निवेशकों की दिलचस्पी इस धातु की कीमतों को ऊँचे स्तरों पर बनाए रखने में मदद कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, और बायोटेक्नोलॉजी उद्योगों में चांदी की बढ़ती मांग ने भी चांदी की कीमतों में वृद्धि का कारण बनी है।
हालांकि, आपूर्ति में कमी और खनन लागत में वृद्धि से चांदी के उत्पादन पर दबाव बना है, जो कि दीर्घकालिक अवधि में कीमतों को ऊँचा बनाए रख सकता है। चीन और भारत जैसे बड़े उपभोक्ता देशों की बढ़ती खपत भी एक महत्वपूर्ण पहलू है।
करेक्शन का जोखिम
हालांकि चांदी की कीमतों में बढ़त बनी रहने की संभावना है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि कीमतों में सुधार का भी जोखिम बना हुआ है। कुछ मुख्य कारण:
- अर्थव्यवस्था में सुधार: यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार होता है और ब्याज दरों में वृद्धि जारी रहती है, तो निवेशकों का आकर्षण सोने और चांदी से हटकर अन्य निवेशों की ओर बढ़ सकता है।
- कमजोर डॉलर: डॉलर के मुकाबले चांदी की कीमतों में हल्की गिरावट हो सकती है यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि करता है।
- भविष्यवाणी और तकनीकी संकेतक: चांदी के तकनीकी संकेतक जैसे कि RSI (Relative Strength Index) और Moving Averages दर्शाते हैं कि चांदी ओवरबॉट (Overbought) स्थिति में आ सकती है, जिससे एक छोटे करेक्शन की संभावना बन सकती है।
विश्लेषकों के विचार
अजय केडिया, प्रमुख कमोडिटी विश्लेषक, ने कहा:
“चांदी का आउटलुक सकारात्मक दिखता है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ तकनीकी सुधार हो सकते हैं। निवेशकों को सावधान रहना होगा और बाजार की परिस्थिति के हिसाब से अपने निवेश को संभालना होगा।”
विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी के मूल्य में सुधार की संभावना विशेष रूप से तब बढ़ सकती है जब वैश्विक बाजार में महंगाई की दर में कमी और आर्थिक गतिविधियों में सुधार होता है। दूसरी ओर, बाजार में डर और जोखिम बढ़ने पर चांदी की कीमतें फिर से ऊँचाई पर जा सकती हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
- सावधानी से निवेश: चांदी में निवेश करते समय निवेशकों को अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए लंबी अवधि के लिए पोर्टफोलियो तैयार करना चाहिए।
- विविधीकरण: चांदी के साथ सोने, पेट्रोलियम और अन्य कमोडिटी में भी निवेश करके अपने पोर्टफोलियो को संतुलित किया जा सकता है।
- तकनीकी संकेतकों पर ध्यान दें: चांदी के बाजार में उतार-चढ़ाव को समझने के लिए निवेशकों को RSI, MACD और सपोर्ट/रेसिस्टेंस स्तरों पर नजर बनाए रखनी चाहिए।
चांदी का आउटलुक फिलहाल सकारात्मक है, लेकिन कमजोर डॉलर, ब्याज दरों में वृद्धि, और आर्थिक सुधार की स्थितियों से मूल्य सुधार का जोखिम बरकरार है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहते हुए चांदी में निवेश करने की सलाह दी जाती है, ताकि संभावित करेक्शन से बचा जा सके।
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