मुंबई, 29 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी वायदा (Silver Futures) की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया। शुरुआती कारोबार में यह 1.3% उछलकर ₹1.43 लाख प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है।
यह तेजी वैश्विक बाजारों में तेजी और रुपये की कमजोरी के कारण देखी गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी की कीमत 1% बढ़कर $46.47 प्रति औंस पर पहुंच गई है।
चांदी की कीमतों में यह उछाल मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौद्रिक नीतियों में ढील की उम्मीद, भू-राजनीतिक तनाव और कीमती धातुओं में निवेशकों की बढ़ती रुचि की वजह से आया है।
चांदी, जो एक ओर सेफ हेवन एसेट और दूसरी ओर औद्योगिक धातु भी है, ने इस साल कई अन्य निवेश विकल्पों को पीछे छोड़ दिया है।
औद्योगिक मांग ने दी संरचनात्मक मजबूती
चांदी की मांग केवल निवेश तक सीमित नहीं है। यह सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। Axis Mutual Fund की रिपोर्ट के अनुसार, चांदी की दीर्घकालिक मांग हरित ऊर्जा और वैश्विक निर्माण गतिविधियों से प्रेरित है।
चांदी आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड प्रोडक्ट्स (ETPs) में निवेश प्रवाह मजबूत बना हुआ है। वायदा बाजार में भी तेजी के संकेत देखे जा रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि निवेशकों की धारणा फिलहाल सकारात्मक बनी हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में चांदी की कीमतें मजबूत बनी रह सकती हैं। हालांकि, अगर रुपया मजबूत होता है या ब्याज दरों की दिशा में बदलाव आता है, तो कीमतों में अल्पकालिक गिरावट देखी जा सकती है।
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