मुंबई, 11 अगस्त (कृषि भूमि डेस्क):
भारत (India) में पिछले कई हफ्तों से जारी सोने की कीमतों में तेज़ी का दौर अब थमता हुआ नजर आ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) में भू-राजनीतिक तनावों में कमी और डॉलर की मजबूती के चलते सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। इससे निवेशकों और उपभोक्ताओं के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या आने वाले दिनों में 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोना और सस्ता हो सकता है?
गिरावट की प्रमुख वजहें:
- भू-राजनीतिक तनावों में नरमी: हाल ही में मध्य पूर्व और रूस-यूक्रेन से जुड़ी चिंताओं में कमी आई है, जिससे सेफ हेवन एसेट यानी सोने में निवेश घटा है।
- डॉलर इंडेक्स में मजबूती: अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर दबाव डाला है, जिससे घरेलू बाजार पर भी असर पड़ा।
- अमेरिका में ब्याज दरों पर स्थिति स्पष्ट: फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं करने के संकेत से भी निवेशकों की सोने में रुचि थोड़ी कम हुई है।
क्या आगे और गिरेगा सोना?
विशेषज्ञों का मानना है कि अल्पकालिक रूप में सोने की कीमतों में कुछ और नरमी आ सकती है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से कीमतें स्थिर या फिर से बढ़ सकती हैं।
निवेश सलाह:
– यदि आप निवेश के उद्देश्य से सोना खरीदना चाहते हैं, तो गिरावट में धीरे-धीरे खरीदारी करना बेहतर विकल्प हो सकता है।
– त्योहारी सीजन और शादियों की मांग सितंबर से बढ़ने की संभावना है, जिससे कीमतों में दोबारा उछाल आ सकता है।
इस सप्ताह का गोल्ड आउटलुक:
– संभावित दायरा (24 कैरेट): ₹62,800 – ₹63,800 प्रति 10 ग्राम
– संभावना: हल्की गिरावट या सीमित दायरे में व्यापार
– फोकस: डॉलर इंडेक्स, ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा, और कच्चे तेल की कीमतें
कुलमिलाकर, भू-राजनीतिक तनावों में राहत और डॉलर की मजबूती ने सोने की चमक कुछ हद तक फीकी की है। हालांकि, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह गिरावट एक अवसर हो सकता है। आगे की दिशा वैश्विक संकेतों और घरेलू मांग पर निर्भर करेगी।
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