लुधियाना, 25 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री श्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने किसानों से फसल कटाई के बाद खेतों में फसल अवशेष (पराली) जलाने से परहेज करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि फील्ड फायरिंग से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है और किसानों को लंबे समय में नुकसान उठाना पड़ता है।
फील्ड फायरिंग से बढ़ता खतरा
हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीनों में पंजाब और हरियाणा में खेतों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आती हैं, जिससे उत्तर भारत में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच जाती है। इस मुद्दे पर मंत्री सोंद ने कहा:
“हम किसानों से हाथ जोड़कर निवेदन करते हैं कि वे खेतों में आग न लगाएं। सरकार उनके साथ है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।”
मंत्री ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (SMS), हैप्पी सीडर, रोटावेटर और मल्चर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि कई मशीनों पर सरकारी सब्सिडी उपलब्ध है, जिसे किसान लाभ उठाकर पर्यावरण के अनुकूल खेती कर सकते हैं।
राज्य सरकार द्वारा अब गांव-गांव जाकर जागरूकता वैन चलाई जा रही हैं, जो किसानों को मशीनों के उपयोग, फायदे और पर्यावरणीय हानि के बारे में जानकारी दे रही हैं।
पंजाब सरकार का यह कदम पर्यावरण संरक्षण, किसानों की स्थायी आय और स्वस्थ भविष्य की दिशा में सराहनीय है। यदि किसान समय रहते इन उपायों को अपनाएं, तो वायु प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
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