मुंबई, 6 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): मुंबई सहित पुणे और इसके आसपास के ज़िलों में पिछले कुछ दिनों के दौरान हुई लगातार बारिश ने कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुँचाया है। खास तौर पर पत्तेदार सब्ज़ियाँ जैसे पालक, धनिया और मेथी उगाने वाले किसानों की फसलें इस बारिश की चपेट में आ गई हैं। इसका सीधा असर शहर के खुदरा बाजारों पर पड़ा है, जहां सब्ज़ियों की कीमतों में 30 से 40 प्रतिशत तक की तेजी देखी जा रही है।
खेतों में पानी भरने और अधिक नमी के कारण फसलें या तो गलने लगी हैं या समय से पहले खराब हो रही हैं। इससे किसानों को मजबूरी में कम गुणवत्ता वाली उपज को भी मंडी में भेजना पड़ रहा है। मुंबई और पुणे एपीएमसी (कृषि उपज मंडी समिति) के अनुसार, मंडियों में सब्ज़ियों की आमद में 25–30% की गिरावट आई है।
एक थोक विक्रेता ने बताया, “बारिश के कारण पालक और धनिया जैसी सब्ज़ियों की फसल खराब हो चुकी है। मंडी में अच्छी क्वालिटी की सब्ज़ी कम आ रही है और खराब माल को फेंकना पड़ रहा है, जिससे आपूर्ति घट गई है और कीमतें बढ़ गई हैं।”
मंडियों में पहले की तुलना कम गाड़ियाँ सब्ज़ियाँ लेकर पहुंच रही हैं, जबकि आम दिनों में यह संख्या अधिक होती है। उपज में गिरावट और गुणवत्ता में कमी के कारण थोक बाजारों में टमाटर की कीमतों में भी 20% तक का उछाल दर्ज किया गया है।
खुदरा बाजार में पालक और धनिया के एक गुच्छे की कीमत ₹30–₹40 तक पहुंच गई है, जो पहले ₹15–₹20 में मिलती थी। मीरा रोड, ठाणे की निवासी नीतू सोनकर ने बताया, “अब हर बार सब्ज़ी लेते समय सोचना पड़ता है। पालक और धनिया जैसी आम चीज़ें अब लग्ज़री बन गई हैं।”
एक अन्य ग्राहक प्रांजलि सुर्वे ने कहा कि त्योहारों के समय अक्सर कीमतें बढ़ती हैं, लेकिन इस बार स्थिति मौसम के चलते और भी खराब हो गई है।
स्थानीय सब्ज़ी विक्रेताओं और किसानों को उम्मीद है कि यदि अगले कुछ दिनों में बारिश थमी, तो आपूर्ति में सुधार होगा और दामों में स्थिरता आएगी।
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