भोपाल, 26 नवम्बर, 2025 (कृषि भूमि डेस्क): मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को सिंचाई में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। ‘प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना’ के तहत अब किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 90% तक की भारी सब्सिडी प्रदान की जाएगी। यह निर्णय उन लाखों किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो लगातार बढ़ते डीजल और बिजली के खर्च से जूझ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने इस योजना में संशोधन को मंज़ूरी दे दी है, जिससे किसानों का अंश मात्र 10% रह गया है।

सब्सिडी का गणित: 

यह योजना केंद्र सरकार की कुसुम-बी योजना (KUSUM-B Yojana) से जुड़ी हुई है और इसमें केंद्र तथा राज्य सरकार मिलकर किसानों को आर्थिक मदद देती हैं:

योगदान (Contribution)प्रतिशत (Percentage)
केंद्र सरकार का अनुदान30%
राज्य सरकार का अनुदान60%
किसान का अंश10%
कुल लागत100%

इस संशोधन के बाद, यदि किसी सोलर पंप की कुल लागत लगभग ₹4,68,000 है, तो किसान को अपनी जेब से केवल ₹47,000 ही देने होंगे, जबकि शेष राशि सरकार वहन करेगी। यह एक ऐसा निवेश है जो किसानों को हमेशा के लिए बिजली के बिल और डीजल के खर्च से मुक्ति दिला देगा।

बड़ी राहत: अपनी क्षमता से अधिक का सोलर पंप

योजना में किया गया सबसे महत्वपूर्ण संशोधन पंप की क्षमता (HP Capacity) को लेकर है। अब किसान अपनी मौजूदा बिजली कनेक्शन की क्षमता से एक स्तर अधिक का सोलर पंप प्राप्त कर सकते हैं:

  1. 3 HP कनेक्शन वाले किसान: इन्हें 5 HP क्षमता तक का सोलर पंप लेने का विकल्प मिलेगा।

  2. 5 HP कनेक्शन वाले किसान: इन्हें 7.5 HP क्षमता तक का सोलर पंप लेने का विकल्प दिया जाएगा।

यह बदलाव सुनिश्चित करता है कि किसान भविष्य की कृषि आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपने खेतों के लिए अधिक शक्तिशाली और कुशल सिंचाई प्रणाली स्थापित कर सकें।

पात्रता और योजना का लक्ष्य

प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना को मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा लागू किया गया है।

  • किसे मिलेगी प्राथमिकता: योजना के पहले चरण में उन किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है जिनके पास अस्थायी विद्युत कनेक्शन है या जिनके खेत अभी तक बिजली से नहीं जुड़ पाए हैं

  • लक्ष्य: राज्य सरकार ने आने वाले समय में 52,000 सोलर पंपों की स्थापना का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।

  • लाभ: इस योजना से किसान सिंचाई में आत्मनिर्भर बनेंगे, डीजल पर खर्च होने वाला हज़ारों रुपये का पैसा बचेगा और बिजली के बिल की चिंता पूरी तरह खत्म हो जाएगी। साथ ही, वे स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) का उपयोग करके पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगे।

किसान अब आधिकारिक पोर्टल पर जाकर योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं और केवल 10% खर्च पर इस हरित क्रांति का हिस्सा बन सकते हैं।

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