मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) राज्य सरकार मत्स्य व्यवसाय (Fisheries Business) को कृषि (Agriculture) का दर्जा देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। मत्स्यव्यवसाय और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे (Nitesh Rane)ने कहा कि राज्य सरकार मत्स्यव्यवसाय को स्वावलंबी और सक्षम बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है।
हाल ही में पालघर जिले में मत्स्यव्यवसाय और बंदरगाह विभाग की समस्याओं को लेकर आयोजित एक बैठक में मंत्री राणे ने यह जानकारी दी। इस बैठक में दहिसर विधानसभा की विधायक मनीषा चौधरी, ‘पदुम’ के सचिव डॉ. रामास्वामी एन., मत्स्यव्यवसाय विभाग के उपसचिव किशोर जकाते, मत्स्यव्यवसाय आयुक्त किशोर तावड़े, मत्स्यव्यवसाय महामंडल की प्रबंध निदेशक अनिता मेश्राम, सहायक आयुक्त महेश देवरे, महाराष्ट्र सागरी मंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप पी., मुख्य अभियंता श्री पोपटे और विभिन्न मत्स्यव्यवसाय संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान विधायक मनीषा चौधरी ने पालघर जिले में मत्स्यव्यवसाय से संबंधित मुद्दों को उठाया और मत्स्यव्यवसाय नीति, सातपट्टी बंदरगाह, और कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन पर चर्चा की। उन्होंने राज्य सरकार से मत्स्यव्यवसाय को कृषि का दर्जा देने की मांग का समर्थन किया।
मंत्री नितेश राणे ने कहा कि पालघर, रत्नागिरी, रायगड, सिंधुदुर्ग, मुंबई और मुंबई उपनगर में मत्स्यव्यवसाय से जुड़े कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही, जिला वार्षिक योजना के तहत मत्स्यव्यवसाय विकास के लिए दस प्रतिशत निधि को आरक्षित रखने के लिए राजस्व मंत्री से चर्चा की जाएगी।
महाराष्ट्र में हर साल 15 अप्रैल से 61 दिनों तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाता है। मंत्री राणे ने बताया कि इस अवधि को और बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे मछली उत्पादन में निश्चित रूप से वृद्धि होगी।
मंत्री ने यह भी बताया कि मत्स्यव्यवसाय को कृषि (Agriculture) का दर्जा मिलने से मत्स्यपालकों को ऋण, सब्सिडी (Subsidy) और बीमा जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार इस दिशा में केंद्र सरकार से भी बातचीत कर रही है।
मत्स्यव्यवसाय को कृषि का दर्जा देने का प्रस्ताव एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जो मत्स्यव्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए आर्थिक स्थिरता लाने में सहायक हो सकता है। इस कदम से न केवल मछुआरों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि राज्य के मत्स्य उत्पादन में भी सुधार की संभावना है।
इस पहल से मछुआरों को मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि होगी और उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा। मत्स्य व्यवसाय को कृषि का दर्जा मिलने से न केवल उन्हें वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि सरकारी योजनाओं का भी व्यापक लाभ प्राप्त होगा।
राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य मत्स्यव्यवसाय को एक संगठित और लाभदायक व्यवसाय के रूप में विकसित करना है, जिससे महाराष्ट्र के मछुआरों को दीर्घकालिक लाभ मिल सके।