मखाना बोर्ड की पहली बैठक में ₹476 करोड़ की बड़ी योजना को हरी झंडी

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नई दिल्ली, 15 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली औपचारिक बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित की गई। इसमें कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगाई गई। सरकार ने मखाना सेक्टर के समग्र विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराया जाएगा ।

केंद्र सरकार ने 2025-26 से 2030-31 की अवधि के लिए ₹476.03 करोड़ की मखाना विकास योजना को मंजूरी दी है। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से मखाना उत्पादक किसानों को नई तकनीक, बेहतर बाजार और अधिक आमदनी के अवसर मिलेंगे, साथ ही भारत वैश्विक स्तर पर मखाना के प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरेगा।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य मखाना खेती को वैज्ञानिक, आधुनिक और बाजारोन्मुख बनाना है। राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की यह पहली बैठक कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने की। बैठक के साथ ही बोर्ड और केंद्रीय क्षेत्र की योजना के क्रियान्वयन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

रिसर्च से लेकर मार्केटिंग तक व्यापक फोकस

सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत मखाना सेक्टर को पूरी वैल्यू चेन में मजबूत किया जाएगा। इसमें रिसर्च और इनोवेशन, उन्नत गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन, किसानों और प्रशिक्षकों का क्षमता निर्माण,  बेहतर कटाई और कटाई-पश्चात प्रबंधन, वैल्यू एडिशन, ब्रांडिंग और मार्केटिंग, निर्यात को बढ़ावा और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे अहम घटक शामिल हैं। बैठक में राज्यों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक कार्य योजनाओं की समीक्षा की गई और विभिन्न घटकों के लिए बजट आवंटन को अंतिम रूप दिया गया।

बीज आपूर्ति और प्रशिक्षण पर विशेष जोर

राष्ट्रीय मखाना बोर्ड ने बीज उपलब्धता को प्राथमिकता देते हुए निर्णय लिया कि राज्यों की बीज आवश्यकताओं को समेकित कर बिहार के सबौर कृषि विश्वविद्यालय (SAU Sabour) और सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, समस्तीपुर (CAU Samastipur) के माध्यम से बीज आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

इसके अलावा, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों, बिहार और एनआरसी मखाना, दरभंगा के सहयोग से विभिन्न राज्यों के प्रशिक्षकों को मखाना वैल्यू चेन की नवीनतम तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका उद्देश्य पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ गैर-पारंपरिक इलाकों में भी मखाना खेती का विस्तार करना है।

इंफ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक तकनीक पर फोकस

योजना के तहत मखाना की खेती और प्रोसेसिंग से जुड़ी आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें ग्रेडिंग, ड्राइंग, पॉपिंग और पैकेजिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, आधुनिक खेती पद्धतियां, वैल्यू एडिशन और मार्केट लिंकेंज, निर्यात के लिए तैयार उत्पाद जैसे पहलू शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना कर केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई घोषणा को अमल में लाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर 2025 को बिहार में इस बोर्ड का औपचारिक शुभारंभ किया था। मंत्रालय का कहना है कि यह कदम भारत में मखाना सेक्टर के समन्वित, वैज्ञानिक और बाजार-आधारित विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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