भोपाल, 18 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश (MP) के रायसेन ज़िले के चिराखेड़ा गांव में स्थित एक सोयाबीन खेत (soybean farm) का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण उन किसानों की शिकायतों के मद्देनज़र किया गया, जिन्होंने फसल पर खरपतवारनाशक (herbicide) के प्रयोग के बाद भारी नुकसान की आशंका जताई थी।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने खेत में पहुंचकर स्वयं फसल की स्थिति का जायज़ा लिया और प्रभावित किसानों से सीधे संवाद किया। किसानों ने बताया कि बाजार में उपलब्ध कुछ कथित “प्रमाणित” खरपतवारनाशकों के इस्तेमाल के बाद सोयाबीन की फसल झुलस गई और उत्पादन पर गहरा असर पड़ा है।
मंत्री चौहान ने खेतों की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को मौके पर जांच दल भेजने और जिम्मेदार कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। उन्होंने कहा, “किसान की फसल ही उसकी ज़िंदगी है। अगर कोई भी तत्व उसकी फसल को नुकसान पहुंचाता है, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और नुकसान की भरपाई के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों को निर्देश दिया कि वे प्रभावित क्षेत्रों में जाकर खरपतवारनाशकों के प्रभाव का विस्तृत अध्ययन करें और सुरक्षित विकल्प सुझाएं।
इस औचक दौरे के बाद कृषि विभाग में हलचल तेज हो गई है और उम्मीद की जा रही है कि खरपतवारनाशकों की गुणवत्ता परीक्षण को लेकर एक नई नीति तैयार की जा सकती है।
मध्य प्रदेश के कई जिलों से हाल के दिनों में ऐसी शिकायतें आई थीं कि कुछ नए खरपतवारनाशक उत्पादों के कारण सोयाबीन फसलें प्रभावित हो रही हैं। इस मुद्दे को लेकर किसान संगठनों ने भी कई बार प्रशासन और मंत्रालय का ध्यान आकर्षित किया था।
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