झारखंड में फसल नुकसान का जल्द मुआवजा: कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की

रांची, 06 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों के आर्थिक विकास के लिए पूरी तरह तत्पर है। इस वर्ष किसानों को अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन भारी बारिश और जलभराव के कारण कई जिलों में फसलों को गंभीर नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि सरकार नुकसान का आकलन कर रही है और जल्द ही प्रभावित किसानों को राहत और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

मंत्री इसी हफ्ते बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित रबी फसल कर्मशाला में बोल रही थीं। इस मौके पर उन्होंने कृषि से संबंधित उपयोगी जानकारियों को समाहित करने वाली रबी कर्मशाला पुस्तक का भी विमोचन किया।

किसानों के जीवन में बदलाव लाना हमारी जिम्मेदारी: कृषि मंत्री

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने जिले के कृषि पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारियों को किसानों के साथ संवेदनशील और निरंतर संपर्क में रहना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और पंचायत सचिव मिलकर उन किसानों की सूची तैयार करें, जिनके जीवन में सरकारी योजनाओं और प्रयासों के कारण वास्तविक बदलाव आया है।

उन्होंने कहा कि सरकार की संवेदनाएँ किसानों के साथ हैं और प्रत्येक किसान तक पहुंच बनाना प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से उम्मीद जताई कि वे समय पर बीज, तकनीकी जानकारी और संसाधन उपलब्ध कराएंगे, ताकि किसान रबी सीजन में बेहतर उत्पादन कर सकें।

केसीसी लोन बढ़ाने का निर्देश

मंत्री ने स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य में केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) लोन लक्ष्य 25 लाख किसानों का है, जबकि अभी तक केवल 5 लाख किसानों तक ही यह सुविधा पहुंची है। उन्होंने अधिकारियों से केसीसी लोन को तेजी से बढ़ाने और किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, ताकि वे कृषि कार्यों में वित्तीय कठिनाई का सामना न करें।

कृषि कैलेंडर तैयार करें और टाइमलाइन के अनुसार काम हो: कृषि सचिव

कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि रबी और खरीफ फसलों के लिए एक स्पष्ट कृषि कैलेंडर बनाना आवश्यक है, ताकि बीज वितरण, फसल तैयारी और तकनीकी सहायता समय पर किसानों तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि जिलों में अनकवर्ड कृषि क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें खेती योग्य बनाने के प्रयास किए जाएंगे।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद यदि कोई किसान खेती नहीं कर पा रहा है तो उसे जागरूक करना भी विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने सॉइल हेल्थ कार्ड की जानकारी किसानों तक पहुँचाने, जनसेवकों की मदद से उत्पादकता बढ़ाने और “आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के दौरान अधिक से अधिक किसानों को जागरूक करने की सलाह दी।

रबी फसल के लिए नमी फायदेमंद

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.सी. दुबे ने कहा कि अधिक बारिश से फसलों को नुकसान जरूर हुआ है, लेकिन मिट्टी में मौजूद नमी रबी फसलों के लिए लाभदायक है। उन्होंने सुझाव दिया कि किसान खराब हुई धान की फसल को जल्द हटाकर रबी फसलों की बुवाई करें।

कुलपति ने गुणवत्तापूर्ण बीज, बीज उपचार, मिट्टी की नमी संरक्षण और वैज्ञानिक तकनीक के उपयोग पर जोर दिया।

तकनीकी जानकारी जरूरी

गव्य निदेशक ज़ीशान क़मर ने कहा कि इस वर्ष अत्यधिक वर्षा से फसलों को नुकसान जरूर हुआ, लेकिन रबी फसलों के लिए यह नमी उपयोगी सिद्ध हो सकती है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे किसानों को उन्नत किस्म के बीज, बीज उपचार, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, आधुनिक तकनीकों और कीट प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दें, ताकि उत्पादकता बढ़ सके।

कुलमिलाकर, सरकार का उद्देश्‍य किसानों को समय पर राहत पहुंचाने, आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक जानकारी को हर खेत तक पहुँचाने, केसीसी लोन की उपलब्धता बढ़ाने और कृषि कैलेंडर के अनुसार कार्य सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। अनकवर्ड कृषि क्षेत्रों को उत्पादक बनाकर राज्य की कुल कृषि क्षमता में वृद्धि करना भी इस रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारी बारिश से हुए नुकसान के बावजूद सरकार की कोशिश है कि रबी सीजन में किसान बेहतर पैदावार हासिल करें और उनकी आय में ठोस सुधार हो।

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