भारत–भूटान ने किए सात समझौते, 4,000 करोड़ के ऊर्जा ऋण और दो रेल परियोजनाओं में तेजी का ऐलान

नई दिल्ली, 13 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): भारत और भूटान के बीच रणनीतिक साझेदारी मंगलवार को और मजबूत हो गई, जब दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा देने वाले सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें भूटान के ऊर्जा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए 4,000 करोड़ रुपये की रियायती ऋण सहायता विशेष रूप से प्रमुख है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर भूटान पहुंचे, जहां उन्होंने विभिन्न उच्च-स्तरीय बैठकों में भाग लिया और क्षेत्रीय संपर्क, ऊर्जा सुरक्षा तथा आर्थिक सहयोग को नई गति देने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-भूटान के संबंध “विश्वास, पारदर्शिता और साझा समृद्धि” के सिद्धांतों पर आधारित हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दोनों देशों को जोड़ने वाली दो प्रमुख रेल परियोजनाओं को “शीघ्रतम” गति से लागू किया जाए।

पुनात्सांगचू-II पनबिजली परियोजना का उद्घाटन: भूटान की क्षमता में बड़ा इज़ाफ़ा
मोदी और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने संयुक्त रूप से 1,020 मेगावाट की पुनात्सांगचू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह परियोजना भूटान की कुल जलविद्युत क्षमता में 40% का अभूतपूर्व विस्तार करती है, जिससे न केवल भूटान की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि भारत को स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी।

अधिकारियों ने यह भी पुष्टि की कि दोनों पक्षों के बीच बिजली दरों पर आम सहमति बन चुकी है, जिसका औपचारिक ऐलान जल्द किया जाएगा।

89 किलोमीटर की दो रेल परियोजनाएँ
क्षेत्रीय संपर्क को नई रफ्तार देने के लिहाज से भारत-भूटान के बीच 89 किलोमीटर लंबी दो नई रेल कनेक्टिविटी परियोजनाओं को सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली थी। इनमें असम के कोकराझार–भूटान के गेलेफू के बीच लाइन, और पश्चिम बंगाल के बनारहाट–भूटान के समत्से के बीच लाइन शामिल हैं।

इन दोनों परियोजनाओं के निर्माण पर 4,033 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसका संपूर्ण वित्तपोषण भारत सरकार करेगी। यह पहली बार होगा जब भूटान भारतीय रेल नेटवर्क से सीधे जुड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “संपर्क बढ़ाने से अवसर पैदा होते हैं और अवसर से समृद्धि आती है”, इसलिए कनेक्टिविटी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

भूटान की ‘गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी’ परियोजना को भारत का समर्थन
प्रधानमंत्री ने भूटान के राजा की महत्वाकांक्षी गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना का भी स्वागत किया और कहा कि भारत इस नए शहरी मॉडल के विकास में “हरसंभव सहयोग” करेगा। भारत जल्द ही गेलेफू के पास एक नई आव्रजन जांच चौकी (Immigration Check Post) स्थापित करेगा, ताकि पर्यटन, व्यापार और निवेश में आसानी हो सके।

इसी के साथ, दोनों देशों ने असम के चिरांग जिले के हाटिसर में भी एक नई चेक पोस्ट मंजूर की है, जिसका उद्देश्य लोगों की आवाजाही और व्यापारिक कनेक्टिविटी को सहज बनाना है। इससे गेलेफू से गुवाहाटी हवाईअड्डे तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।

डिजिटल कनेक्टिविटी: भूटान में UPI जल्द होगा स्वीकृत
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत भूटानी नागरिकों को भारत आने पर UPI भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तेजी से काम कर रहा है। डिजिटल भुगतान सहयोग भारत-भूटान साझेदारी का एक महत्वपूर्ण आयाम बनता जा रहा है।

ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल में भागीदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान में आयोजित ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल में भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान भूटान के राजा ने दिल्ली विस्फोट के पीड़ितों के लिए विशेष प्रार्थना की, जिसका भारत और भूटान के लोगों के बीच भावनात्मक और सांस्कृतिक संबंधों का गहरा संदेश मिला।

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