IFFCO का बड़ा ऐलान: 2027 में लॉन्च होगा Nano NPK, 5 किलो पैकेट करेगा 50 किलो बोरी का काम

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): नैनो यूरिया और नैनो-डीएपी को लॉन्च हुए चार साल बीत चुके हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल अभी भी तय लक्ष्यों से काफी पीछे है। इस बीच इफको ने किसानों को और बेहतर विकल्प देने के लिए एक बड़ी तैयारी की है। किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर देते हुए IFFCO ने घोषणा की है कि वह 2027 की शुरुआत तक Nano Granular NPK बाजार में उतारने जा रहा है।

नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश से तैयार यह नैनो उर्वरक दानेदार स्वरूप में होगा और इतना प्रभावी होगा कि जहां अभी 50 किलो एनपीके की बोरी की जरूरत पड़ती है, वहीं नया उत्पाद सिर्फ 5 किलो में वही काम कर देगा। IFFCO के अनुसार यह नया नैनो उत्पाद सीधे पौधे की जड़ों को लक्षित करेगा और खेतों में उर्वरक दक्षता को काफी बढ़ाएगा। इसके लिए कांडला में एक आधुनिक उत्पादन सुविधा स्थापित की जा रही है, जिसके लिए सरकारी मंजूरी का इंतजार है।

नैनो यूरिया और नैनो DAP की धीमी अपनाने की चुनौती

नैनो यूरिया और नैनो डीएपी को लॉन्च हुए चार साल हो चुके हैं, लेकिन किसानों में इन उत्पादों का उपयोग अब भी अपेक्षा से काफी कम है। मौजूदा उत्पादन क्षमता 289.5 मिलियन बोतल प्रति वर्ष है, जबकि अप्रैल से नवंबर 2025 के बीच मात्र 18.77 मिलियन बोतलों की बिक्री हुई है। IFFCO ने वित्त वर्ष 2026 तक 80 मिलियन बोतल नैनो यूरिया बेचने का लक्ष्य रखा है, लेकिन संस्था मानती है कि अभी किसानों में जागरूकता और आउटरीच को बढ़ाने की आवश्यकता है। उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान है कि नैनो उर्वरकों को बड़े पैमाने पर अपनाने में तीन साल तक का समय लग सकता है।

ब्राजील में बनेगा IFFCO का पहला विदेशी प्लांट

घरेलू बाज़ार में अपनाने की सुस्ती के बावजूद IFFCO अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से विस्तार कर रहा है। संस्था वर्तमान में 25 से अधिक देशों में नैनो उर्वरकों का निर्यात कर रही है और अब ब्राजील में अपना पहला विदेशी नैनो पोषक तत्वों का प्लांट स्थापित करने जा रही है। यह प्लांट IFFCO Nanoventions और ब्राजील की कंपनी NANOFERT के बीच 7:3 के संयुक्त उद्यम के तहत लगाया जाएगा, जहां सालाना करीब 4.5 मिलियन लीटर नैनो उर्वरक तैयार किया जाएगा। पटेल का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिल रही प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक रही है।

सब्सिडी का बोझ कम करने की सरकारी मंशा

केंद्र सरकार नैनो उर्वरकों को बढ़ावा दे रही है ताकि पारंपरिक उर्वरकों पर दी जाने वाली भारी सब्सिडी का बोझ कम किया जा सके। वित्त वर्ष 2025–26 में उर्वरक सब्सिडी 1.95 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष से भी अधिक है। वर्तमान में 45 किलो यूरिया की उत्पादन लागत लगभग 2,650 रुपये है, जबकि किसानों को यह मात्र 242 रुपये के स्थिर मूल्य पर दिया जाता है। नैनो उर्वरक इस बड़ी सब्सिडी को कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

IFFCO की आय और मुनाफे में बढ़ोतरी

चुनौतियों के बावजूद इफको ने 2024–25 में अपने कारोबार और मुनाफे दोनों में वृद्धि दर्ज की है। कुल बिक्री 4.5% बढ़कर 41,244 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जबकि शुद्ध लाभ 16% उछलकर 2,823 करोड़ रुपये रहा। यह संकेत है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी इफको की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है।

===

हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची