केंद्र सरकार ने महंगाई पर काबू पाने के लिए प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया है। अगले साल 31 मार्च तक देश से प्याज का निर्यात नहीं किया जाएगा । कहा जा रहा है कि प्याज की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से देश में प्याज का भंडारण बढ़ेगा,, जिसकी वजह से कीमतों में गिरावट आएगी। इससे प्याज एक बार फिर अपने पुराने दामों पर पहुंच सकता है। सरकार ने इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया था। इसका मकसद घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता को बढ़ावा देना और इनकी कीमतों को नियंत्रित करना भी था।

इसे लेकर विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से प्याज के निर्यात पर 31 मार्च, 2024 तक रोक लगा दी गई है। अब 31 मार्च तक दूसरे देशों को प्याज का निर्यात नहीं किया जाएगा। दरअसल, दशहरे के बाद से प्याज के दाम में आग लगी हुई है। सितंबर तक प्याज 30 से 35 रुपये किलो बिक रहा था। अब इसकी कीमत 50 से 60 रुपये थी। हालांकि, केंद्र सरकार खुद कम दामों पर प्याज बेच रही है। इसके बावजूद कीमतों में कोई गिरावट नहीं आई है। यही वजह है कि सरकार ने देश में प्याज का स्टॉक बढ़ाने के लिए 31 मार्च तक इसके निर्यात पर रोक लगा दी।

इतनी बढ़ गई महंगाई

सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्याज की अखिल भारतीय खुदरा कीमत 29 नवंबर को 94.39 प्रतिशत बढ़कर 57.85 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जो एक साल पहले 29.76 रुपये प्रति किलोग्राम थी। क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, त्योहारी मांग और बेमौसम बारिश के कारण खरीफ सीजन में कम उत्पादन के कारण अक्टूबर की तुलना में नवंबर में प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमश: 58 प्रतिशत और 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसी वजह से ऐसा हुआ है। आम जनता की रसोई का बजट बिगड़ गया है। कई परिवारों ने प्याज खरीदना बंद कर दिया है।

बढ़ सकती है महंगाई

पिछले कुछ महीनों से देश में खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। चावल, दाल, गेहूं और चीनी की बढ़ती कीमतों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं. अगर इन खाद्य पदार्थों के दाम नहीं गिरते हैं तो विपक्ष इसे मुद्दा भी बना सकता है। इससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था

सरकार ने अगस्त में प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था।इसके बाद निर्यात के बड़े पैमाने पर अंडर-इनवॉयसिंग ने शुल्क को कम कर दिया, जिससे सरकार को इसे खत्म करने और प्याज पर 800 डॉलर प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं, इस साल मिस्र और तुर्की जैसे प्रमुख प्याज निर्यातकों ने प्याज निर्यात पर रोक लगा दी है। इसके अलावा पाकिस्तान में भी प्याज का उत्पादन कम हुआ है। कहा जा रहा है कि प्याज के निर्यात पर रोक लगाने से कई देशों में इसकी कीमत बढ़ सकती है।

 

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