लखनऊ, 31 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): गोपाष्टमी के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए गन्ना किसानों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर प्रदेश में घोषित गन्ना मूल्य वृद्धि के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से संवाद करते हुए गन्ना भुगतान, चीनी मिलों की कार्यप्रणाली, और गन्ना क्षेत्र में निवेश जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में गन्ना किसानों को मिलने वाली राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जा रही है, जिससे बिचौलियों की भूमिका लगभग समाप्त हो गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 के बाद से अब तक लगभग ₹2.90 लाख करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है, जो पहले की तुलना में कहीं अधिक है।
मिलों की क्षमता बढ़ाने के प्रयास
बैठक में यह जानकारी दी गई कि प्रदेश में चीनी मिलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और उन्हें वर्षभर सक्रिय रखने के लिए डिस्टिलरी, सीबीजी संयंत्र और कोजन प्लांट जैसी परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन पर्ची प्रणाली और तकनीकी सुधारों ने किसानों के लिए प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया है। इससे गन्ना आपूर्ति और भुगतान की निगरानी आसान हुई है।
नई मिलों की स्थापना और पुनरारंभ
बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि बीते कुछ वर्षों में प्रदेश में नई चीनी मिलें स्थापित हुई हैं, जबकि बंद मिलों को दोबारा चालू किया गया है। कई पुरानी मिलों की क्षमता विस्तार की योजनाएं भी लागू की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना क्षेत्र से जुड़े लाखों परिवारों की आजीविका को देखते हुए सरकार आगे भी बुनियादी ढांचे और संसाधनों के विकास पर जोर देगी।
बैठक में उपस्थित गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि तकनीकी सुधारों और समयबद्ध भुगतान प्रणाली के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि मिलों की पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए विभाग लगातार निगरानी और तकनीकी सुधार पर काम कर रहा है।
===
हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें: