बांस की खेती करें और लाखों कमाएं, महाराष्ट्र सरकार देगी 7 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि

खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। महाराष्ट्र सरकार ने बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़ा ऐलान किया है। महाराष्ट्र ने किसानों को बांस की खेती पर प्रोत्साहन देने का फैसला किया है। राज्य सरकार बांस की खेती पर प्रति हेक्टेयर 7 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देगी। दो हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों को धनराशि मिलेगी। मनरेगा के तहत किसानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता दी जाएगी और बाकी राज्यों में वित्तीय सहायता का विकल्प है।

बता दें कि खेती की दुनिया में हरे बांस को ‘हरा सोना’ कहा जाता है। क्योंकि इसकी खेती में सोने के बराबर मुनाफा होता है। इसमें मेहनत बहुत कम होती है और कमाई बहुत ज्यादा होती है। बांस की खेती करीब 40 साल से बांस दे रही है। इस फसल के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जाती है। बांस की खेती के लिए विशेष मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। जहां घास, वहां बांस हो सकता है। किसान चाहे तो खेत के बांध पर बांस भी लगा सकता है। इससे खेत का तापमान भी कम रहता है। खेत को जानवरों से भी बचाया जा सकता है।

बांस को 2.5 लाख रुपये का फायदा

बांस का पौधा तीन साल में तैयार हो जाता है। एक हेक्टेयर में बांस की खेती से करीब ढाई लाख रुपये का फायदा हो सकता है. बांस के कई बड़े फायदे हैं। बांस का उपयोग कोयला उत्पादन में किया जाता है। एथेनॉल भी बांस से बनाया जाता है। बांस से कपड़े, फर्नीचर, लकड़ी, टूथ ब्रश भी बनते हैं। बांस पर्यावरण के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

केंद्र सरकार भी देती है सब्सिडी

सरकार किसानों को बांस की खेती पर प्रति पौधे 120 रुपये की सहायता दी जाती है। वहीं 3 साल में 1 बांस के पौधे की लागत 240 रुपये आती है। यानी सरकार किसानों को बांस की खेती में सब्सिडी के रूप में आधी रकम देती है।

जानिए बांस में सरकार दे रही है प्रोत्साहन?

महाराष्ट्र में बांस की खेती पर किसानों को प्रोत्साहन

प्रति हेक्टेयर बांस की खेती पर 7 लाख रुपये का प्रोत्साहन

दो हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों को मिलेगी धनराशि

मनरेगा के तहत किसानों को आर्थिक सहायता

अन्य राज्यों में वित्तीय सहायता का विकल्प

बांस की खेती एबीसीडी

तीन साल में तैयार हो जाता है बांस।

एक हेक्टेयर में बांस की खेती में करीब ~2.5 लाख का मुनाफा।

कोयला उत्पादन में बांस का प्रयोग।

एथेनॉल भी बांस से बनाया जाता है।

बांस से कपड़े, फर्नीचर, लकड़ी, टूथ ब्रश भी बनते हैं।

बांस पर्यावरण के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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