अहमदाबाद, 05 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
गुजरात (Gujarat) के कपास बाजार (Cotton Market) में इन दिनों स्थिरता देखने को मिल रही है। राज्य की स्पिनिंग मिलों की खरीदी लगभग थम सी गई है और मांग में सुस्ती के चलते भाव दो दिनों से स्थिर बने हुए हैं। वहीं, सीजन समाप्ति की ओर बढ़ने के कारण मंडियों में कपास की आवक भी सीमित हो गई है।
राज्य सरकार के कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 4 अगस्त 2025 तक गुजरात में कपास की बुवाई 20,35,778 हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 23,35,465 हेक्टेयर था। यानी, इस साल कपास की बुवाई में 12.83 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो उत्पादन में कमी की संभावना को भी दर्शाता है।
सीसीआई ने भाव स्थिर रखे, मांग में स्पष्ट गिरावट
कपास की खरीद-बिक्री में सक्रिय सरकारी एजेंसी सीसीआई (कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने बीते कुछ दिनों से अपने भाव स्थिर रखे हैं। सोमवार को सीसीआई द्वारा 3000 गांठ की बिक्री की गई, जिसमें से 1000 गांठ स्पिनिंग मिलों ने और 2000 गांठ व्यापारियों ने खरीदीं। यह आंकड़े मिलों की कमजोर मांग की ओर संकेत करते हैं।
राजकोट और अहमदाबाद सेंटर्स पर 28 मिमी लंबाई वाले कॉटन की कीमत ₹56,500 प्रति कैंडी (1 कैंडी = 356 किलोग्राम) दर्ज की गई। वहीं, यार्न बाजार में भी सुस्ती का माहौल बना हुआ है, जिससे बाजार को कोई ठोस समर्थन नहीं मिल रहा है। राज्य में कपास के औसत भाव ₹1,450 – ₹1,630 प्रति 20 किलोग्राम के बीच रहे। आज लगभग 900 गांठ कपास की आवक राज्य की प्रमुख मंडियों में दर्ज की गई।
आगे की स्थिति पर नजर
वर्तमान में राज्य के कई कपास उत्पादक क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं, जिससे आगामी मौसम और फसल की स्थिति पर भी नजर बनाए रखना जरूरी है। उत्पादन में आई गिरावट के बीच यदि मांग में सुधार नहीं होता है, तो भाव में बड़ी तेजी आने की संभावना फिलहाल सीमित है।
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