नई दिल्ली, 04 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
उत्तर भारत (UP) के प्रमुख कपास (Cotton) उत्पादक राज्यों – पंजाब, हरियाणा और राजस्थान – में आज कॉटन की कीमतों में स्थिरता देखी गई। इसका प्रमुख कारण स्पिनिंग मिलों (SpinningMills ) की ओर से सीमित खरीदारी बताया जा रहा है।
बाजार सूत्रों के अनुसार, फिलहाल मिलों में स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और मांग में कोई उल्लेखनीय तेजी नहीं है, जिसके चलते मिलें नए सौदों को लेकर संयमित रणनीति अपना रही हैं।
बाजार का मिज़ाज
वर्तमान में राजस्थान के श्रीगंगानगर, हरियाणा के फतेहाबाद और पंजाब के मुक्तसर क्षेत्र में कपास की कीमतें ₹6,200 से ₹6,500 प्रति क्विंटल के आसपास बनी हुई हैं। बीते सप्ताह में भी दामों में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया।
मंडियों में आवक सीमित बनी हुई है, लेकिन स्पिनिंग यूनिट्स की कमजोर रुचि के कारण कीमतों पर कोई ऊपरी दबाव नहीं है। कपास व्यापारी फिलहाल स्थिति को स्थिर मान रहे हैं।
मिलों की रणनीति
स्पिनिंग मिलें फिलहाल पुराने स्टॉक से काम चला रही हैं। इसके अलावा कॉटन यार्न की निर्यात मांग कमजोर होने के कारण मिलों का उत्पादन स्तर भी सीमित बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि मिलें फिलहाल नकदी प्रवाह और यार्न की कीमतों को देखकर ही खरीदारी के निर्णय ले रही हैं।
आगामी स्थिति पर दृष्टि
मौसम की स्थिति और नई फसल की अनुमानित आवक अगले दो माह में बाजार की दिशा तय करेगी। यदि मानसून सामान्य बना रहता है और नई फसल की स्थिति ठीक रहती है, तो कीमतों पर दबाव आ सकता है।
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