मुंबई, 04 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
कॉपर (तांबा) की कीमतों में आज अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजारों में मजबूती दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर (US Dollar) में आई नरमी और चीन (China)से मांग में धीरे-धीरे हो रहा सुधार। वहीं, टिन (China) दूसरी ओर, टिन की कीमतों में आई तेजी का कारण इंडोनेशिया और म्यांमार से होने वाली आपूर्ति में आई बाधा है। इंडोनेशिया ने हाल ही में कई खनन लाइसेंसों को निलंबित कर दिया है, जबकि म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता और संघर्ष के कारण खनन गतिविधियाँ बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
LME (London Metal Exchange) पर टिन की कीमतें आज $33,600 प्रति टन के पार चली गईं, जो पिछले दो महीनों की उच्चतम स्तर पर है।
एक्सपर्ट्स की राय
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि जहां तांबे में अल्पकालिक तेजी डॉलर और मांग आधारित है, वहीं टिन की मजबूती पूरी तरह सप्लाई चेन डिसरप्शन पर आधारित है। यदि आपूर्ति बहाल नहीं होती, तो टिन की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।
भारत में भी इन दोनों धातुओं की कीमतों में तेजी के संकेत देखे जा रहे हैं। विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, वायरिंग, और सोलर सेक्टर से जुड़ी कंपनियों पर इन बढ़ती कीमतों का लागत-आधारित असर पड़ेगा। घरेलू वायदा बाजार (MCX) पर तांबे का भाव ₹790 प्रति किलो के करीब और टिन ₹2,850 प्रति किलो के पार ट्रेड कर रहा है।
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