नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): वैश्विक बाजार में चीनी (Sugar) की कीमतें पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। इसका मुख्य कारण है ब्राजील से बढ़ती शुगर सप्लाई और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा जारी ग्लोबल सरप्लस (अधिशेष) का अनुमान।
कमोडिटी एक्सचेंजों के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में ब्राजील के दक्षिणी और मध्य क्षेत्रों से रिकॉर्ड उत्पादन और निर्यात के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। अक्टूबर महीने में लंदन और न्यूयॉर्क शुगर फ्यूचर्स में लगभग 15% की गिरावट आई है, जो 2020 के बाद से सबसे बड़ी मासिक गिरावट मानी जा रही है।
ब्राजील की रिकॉर्ड फसल ने बढ़ाया दबाव
ब्राजील, जो दुनिया का सबसे बड़ा शुगर उत्पादक देश है, इस वर्ष अच्छे मौसम और गन्ना उत्पादन में वृद्धि के चलते रिकॉर्ड स्तर पर चीनी का निर्यात कर रहा है। ब्राजीलियन शुगर मिल्स ने एथेनॉल की बजाय अधिक मात्रा में रॉ शुगर उत्पादन पर जोर दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में आपूर्ति (Supply) बढ़ गई है।
यूएसडीए (USDA) और इंटरनेशनल शुगर ऑर्गनाइजेशन (ISO) दोनों ने 2024-25 के लिए वैश्विक उत्पादन में वृद्धि और खपत में स्थिरता का अनुमान लगाया है। इससे ग्लोबल सरप्लस में लगभग 3.5 मिलियन टन की बढ़ोतरी का पूर्वानुमान है।
भारत और थाईलैंड के लिए असर
विश्लेषकों का कहना है कि चीनी कीमतों में गिरावट से भारत और थाईलैंड जैसे निर्यातक देशों पर दबाव बढ़ेगा। भारत में घरेलू खपत स्थिर है, लेकिन निर्यात कीमतों में गिरावट से मिलों को नुकसान हो सकता है। साथ ही, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण एथेनॉल ब्लेंडिंग की मांग भी कम हो रही है, जिससे शुगर मिलों पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में रॉ शुगर फ्यूचर्स की कीमत 17.8 सेंट प्रति पाउंड तक गिर गई है — जो 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। वहीं, लंदन व्हाइट शुगर का भाव $540 प्रति टन के करीब है।
कमोडिटी विश्लेषक मानते हैं कि यदि ब्राजील की सप्लाई इसी तरह बनी रही और वैश्विक मांग में कोई बड़ा उछाल नहीं आया, तो आने वाले महीनों में चीनी कीमतें और नीचे जा सकती हैं। हालांकि, एशियाई देशों में त्योहारी मांग और मौसमीय बदलाव अस्थायी राहत दे सकते हैं।
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