शंकर अंदानी, जिनकी पहचान एक सशक्त चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) और समाजसेवी के रूप में बन चुकी है, ने अपनी मेहनत, समर्पण और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को अदा करने के जरिए लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। शंकर ने न केवल अपने पेशेवर करियर में सफलता प्राप्त की, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी अपनी छाप छोड़ी है। उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो हर किसी को यह दिखाता है कि एक व्यक्ति अपने दृढ़ निश्चय और संघर्ष से क्या कुछ भी हासिल कर सकता है।
Shankar Andani ने वर्ष 2006 में चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) का एग्जाम पास किया और तब से ही वे इस पेशे में कार्यरत हैं। 20 वर्षों से अधिक समय से वे CA की प्रैक्टिस कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया। बचपन में शंकर की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाया। उनका जीवन यह सिद्ध करता है कि यदि इरादा मजबूत हो, तो किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।
शंकर ने पेशेवर जीवन में अपनी पहचान बनाने के बाद भी समाजसेवा को अपनी प्राथमिकता बनाये रखा। साल 2007 से उन्होंने शिरडी साईं संस्था के साथ टैक्स एडवाइजरी का कार्य करना शुरू किया। इसके साथ ही वे धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण रखते हुए सभी धर्मों का आदर करते हैं। शंकर के अनुसार, समाज में सभी धर्मों और विचारधाराओं का सम्मान करना आवश्यक है, और यही उनके कार्यों में भी नजर आता है।
शंकर अंदानी का सबसे अनोखा कार्य यह है कि वे हर साल 365 दिन में एक धार्मिक संस्थान का काम बिना किसी फीस के करते हैं। उनका उद्देश्य किसी भी धार्मिक संस्था के वित्तीय मामलों में मदद करना है, ताकि वे अपने सामाजिक कार्यों में बिना किसी अड़चन के आगे बढ़ सकें। इस तरह के कामों से उन्होंने समाज में एक मिसाल पेश की है। शंकर का मानना है कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए हमें अपनी छोटी-छोटी मददों से बड़ा बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए।
इसके अलावा, शंकर अंदानी को NGO (नॉन-गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन) एक्सपर्ट के रूप में भी जाना जाता है। वे अब तक 1251 संस्थाओं को टैक्स एडवाइजरी सेवा प्रदान कर चुके हैं, जिसमें 55 गौशालाओं का भी समावेश है। यह कार्य वे बिना किसी शुल्क के करते हैं। उनका मानना है कि गौ संरक्षण के कार्यों को बढ़ावा देने से ही समाज में संतुलन बना रहेगा, और यही कारण है कि उन्होंने गौशालाओं के लिए अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।
शंकर अंदानी ने समाजसेवा में अपनी भूमिका और भी विस्तृत की है। वे CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के प्रबंधन का भी कार्य करते हैं। इसके माध्यम से वे विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और जरूरतमंदों के लिए धन जुटाने में मदद करते हैं। शंकर ने “साईं इंडियन ट्रस्ट एसोसिएशन” का नाम बदलकर “सीता ट्रस्ट” रखा, और इस ट्रस्ट के माध्यम से उन्होंने समाजसेवा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान की है।
अब तक शंकर अंदानी को 1680 अवार्ड मिल चुके हैं, जो उनके समाजसेवा के प्रति उनके योगदान को दर्शाते हैं। इनमें से कई अवार्ड प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा प्रदान किए गए हैं, और यह उनकी कार्यक्षमता और समाज के प्रति उनकी निष्ठा को प्रमाणित करते हैं। शंकर को “यूनाइटेड नेशन प्रेजेंट ऑफिस, अमेरिका” द्वारा “मेडल ऑफ एक्सीलेंस” से भी सम्मानित किया गया है, जो एक विश्वस्तरीय पुरस्कार है।
शंकर की प्रेरणास्पद कार्यशैली और समाजसेवा की वजह से उन्हें बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में 115 बार नाम दर्ज किया गया है। यह उनके असाधारण कार्यों और उपलब्धियों का प्रमाण है। उनके कार्यों में गौ संरक्षण, धार्मिक संस्थाओं को वित्तीय सहायता, और समाज के वंचित वर्ग के लिए काम करना प्रमुख है।
शंकर अंदानी ने अहमदनगर में खुद की गौशाला स्थापित की है, जहां वह गायों की देखभाल करते हैं। इसके अलावा, उन्होंने 150 मस्जिदों का रजिस्ट्रेशन भी किया है, ताकि ये धार्मिक स्थल सरकार से उचित सहायता प्राप्त कर सकें और अपने कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट का सामना न करें।
अपने जीवन के हर पहलू में उन्होंने उत्कृष्टता का परिचय दिया है और आज वे समाज में एक आदर्श बने हुए हैं। शंकर अंदानी का कार्य और उनके द्वारा किए गए प्रयास हमें यह सिखाते हैं कि यदि व्यक्ति निष्ठा और ईमानदारी से काम करता है, तो वह न केवल अपने पेशेवर जीवन में बल्कि समाज में भी एक सशक्त और सकारात्मक बदलाव ला सकता है।