Asian Seed Congress 2025: मुंबई में एशियाई बीज कांग्रेस 2025 का उद्घाटन, 40 देशों के विशेषज्ञ गुणवत्तापूर्ण बीज पर करेंगे मंथन

मुंबई, 14 नवंबर (कृषि भूमि डेस्क): एशिया और प्रशांत बीज संघ (APSA) का प्रमुख आयोजन एशियाई बीज कांग्रेस 2025 (ASC 2025) महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में शुरू हो गया है। 17 नवंबर से 21 नवंबर, 2025 तक चलने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के कर कमलों द्वारा किया गया। यह कांग्रेस, जो नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NSAI) और फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (FSII) के सहयोग से आयोजित की जा रही है, भारतीय कृषि और वैश्विक बीज व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गई है।

मेले का थीम “गुणवत्तापूर्ण बीज के माध्यम से समृद्धि का बीजारोपण” (Sowing Prosperity through Quality Seed) रखा गया है, जो बीज क्षेत्र में नवाचार, जलवायु अनुकूलन और आर्थिक विकास की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करता है। सम्मेलन में एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है, जिसमें अत्याधुनिक शोध, नई बीज प्रजातियाँ और उभरती कृषि तकनीकों का प्रदर्शन शामिल है। चर्चा के प्रमुख विषयों में धान, कपास, सोयाबीन, मक्का और सब्जियों जैसी फसलें शामिल हैं, जिन पर जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक प्रभाव दर्ज किया जा रहा है।भारत का बीज बाजार, जिसकी अनुमानित वर्तमान कीमत $3.82 से $6 बिलियन के बीच है, 2030 तक तीव्र विस्तार की संभावनाओं से भरा है। ASC 2025 के दौरान कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां, एमओयू और रणनीतिक सहयोग स्थापित होने की उम्मीद है, जो वैश्विक बीज अर्थव्यवस्था में भारत की उभरती नेतृत्वकारी भूमिका को और मजबूत करेंगे।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथियों का संबोधन

उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बात पर जोर दिया कि 10 वर्षों के बाद भारत को एशियाई बीज कांग्रेस की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला है और इस बार मुंबई को चुना जाना देश के कृषि सामर्थ्य को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में 40 देशों की बीज कंपनियां, विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए बेहतर बीज और आधुनिक तकनीक (Technology) की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया, ताकि उत्पादकता और किसानों की आय में अपेक्षित वृद्धि हो सके।

वहीं, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में वैश्विक बीज क्षेत्र में भारत के बढ़ते नेतृत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ती खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। श्री चौहान ने जैव विविधता (Biodiversity), मजबूत अनुसंधान क्षमता (Research Capacity) और नवाचारी प्रौद्योगिकियों (Innovative Technologies) का लाभ उठाकर छोटे किसानों तक गुणवत्तापूर्ण बीज पहुंचाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि कांग्रेस जैसे मंच क्षेत्रीय सहयोग, ज्ञान साझा करने और बीज प्रणालियों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम प्रदान करते हैं।

40 देशों की भागीदारी और प्रमुख उद्देश्य

एशिया और प्रशांत बीज गठबंधन (APSA) के तत्वावधान में आयोजित इस एशियाई बीज कांग्रेस में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, शोधकर्ता और उद्योग जगत के प्रमुख भाग ले रहे हैं। इस आयोजन का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग, साझेदारी और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है, जिससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा और कृषि लचीलापन सुनिश्चित किया जा सके।

कांग्रेस की कार्यसूची में शामिल प्रमुख क्षेत्र:

  • क्षेत्रीय सहयोग: बीज नीतियों और विनियमों में क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ावा देना।
  • जलवायु अनुकूलन: जलवायु-लचीली फसल किस्मों को विकसित करने के लिए नई प्रजनन प्रौद्योगिकियों (New Breeding Technologies) को बढ़ावा देना।
  • बीज स्वास्थ्य: सुरक्षित और कुशल बीज आवाजाही के लिए पादप स्वास्थ्य (Phytosanitary) और बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) पर ध्यान केंद्रित करना।
  • डिजिटल समाधान: बीज नवाचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल प्लेटफार्मों के उपयोग पर चर्चा करना।

यह सम्मेलन बीज उद्योग के लिए व्यापार के अवसरों, ज्ञान के आदान-प्रदान और कृषि विकास के भविष्य को आकार देने के लिए एक महत्वपूर्ण सप्ताह साबित होगा। विभिन्न कार्यशालाओं, तकनीकी सत्रों और प्रदर्शनी के माध्यम से बीज क्षेत्र की नवीनतम प्रवृत्तियों और सतत कृषि समाधानों (Sustainable Agriculture Solutions) का प्रदर्शन किया जाएगा।

भविष्य की दिशा:

एशियाई बीज कांग्रेस 2025 का मुंबई में होना यह दर्शाता है कि भारत वैश्विक बीज मूल्य श्रृंखला (Seed Value Chain) में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। यह मंच सरकारी निकायों, निजी उद्यमों और शोधकर्ताओं के बीच साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित है ताकि बीज की गुणवत्ता और पहुँच में सुधार हो सके। इस आयोजन से उम्मीद है कि यह क्षेत्र के किसानों को उच्च उपज और रोग प्रतिरोधी किस्मों तक बेहतर पहुंच प्रदान करके उनकी समृद्धि के लिए एक ठोस आधार प्रदान करेगा।यह आयोजन भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक मांगों को पूरा करने के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारत एशियाई कृषि के एक प्रमुख केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकेगा।

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