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श्रीनगर, 28 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):

कश्मीर की फल मंडियों में इस समय पारंपरिक सेब की कीमतों में तेज गिरावट देखी जा रही है, जिससे हजारों किसान प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि इसी बीच, गाला सेब जैसी अच्छी क्वालिटी वाली किस्में किसानों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरी हैं।

बीते कुछ सप्ताहों में जम्मू-सुंदरनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात में बाधा के कारण सेब की ढुलाई में देरी हुई, जिससे बड़ी मात्रा में फल मंडियों में एक साथ पहुँच गया। इस आपूर्ति-वृद्धि और देरी के चलते सेब खराब होने लगा, और कीमतों में तेज गिरावट आई। पारंपरिक किस्में जैसे कुल्लू डिलीशियस ₹30 से ₹60 प्रति किलो तक बिक रही हैं, जबकि गाला सेब की कीमतें ₹100 से ₹130 प्रति किलो पर बनी हुई हैं।

गाला सेब की मांग उपभोक्ताओं के बीच लगातार बढ़ रही है। इसका स्वाद मीठा होता है, रंग गहरा लाल और बनावट कुरकुरी होती है। यही कारण है कि गाला की कीमतों में वह गिरावट नहीं आई, जो अन्य किस्मों में देखने को मिल रही है। इसके अलावा, गाला एक जल्दी पकने वाली किस्म है, जिसका सीजन अब लगभग खत्म हो चुका है, जिससे बाजार में इसकी उपलब्धता सीमित हो गई है।

कश्मीर हर साल करीब 20–25 लाख टन सेब का उत्पादन करता है। इसमें से केवल 5% हिस्सा ही गाला जैसी उच्च घनत्व वाली किस्मों का होता है। कई किसान अब पारंपरिक सेब की जगह गाला सेब की खेती को प्राथमिकता देने लगे हैं। विशेष रूप से कश्मीर के दक्षिणी जिलों में यह बदलाव साफ देखा जा सकता है।

पिछले कुछ वर्षों में किसानों ने महसूस किया है कि पारंपरिक किस्मों की अनिश्चित बाजार कीमतों के मुकाबले गाला जैसी किस्में बेहतर रिटर्न देती हैं। इसके अलावा, कुछ किसान अब सेब को नियंत्रित वातावरण (CA स्टोरेज) में भी संग्रहित कर रहे हैं, ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे और वे उचित मूल्य पर बेचे जा सकें।

राज्य सरकार और कृषि विशेषज्ञ भी गाला जैसे किस्मों को बढ़ावा दे रहे हैं क्योंकि ये न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद हैं, बल्कि उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं के अनुरूप भी हैं।

कुलमिलाकर, कश्मीर के सेब उद्योग में एक बड़ा बदलाव आ रहा है। पारंपरिक किस्में जहां बाज़ार में संघर्ष कर रही हैं, वहीं गाला सेब ने अपनी गुणवत्ता, स्वाद और स्थायित्व के दम पर खुद को मजबूती से स्थापित कर लिया है। आने वाले वर्षों में गाला और अन्य अच्छी क्वालिटी वाली किस्मों की खेती बढ़ने की पूरी संभावना है।

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