अमित शाह ने नैनो यूरिया-डीएपी के बारे में बात की, सहयोग के महत्व को समझाया

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि इफको ने नैनो लिक्विड डीएपी और नैनो लिक्विड यूरिया बनाकर बहुत कम समय में किसानों के खेतों तक पहुंचाया है। इस समय इसकी बहुत आवश्यकता है क्योंकि हमारी उपज के लिए मृदा संरक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। देश के गांवों में सबसे ज्यादा आकर्षण ड्रोन द्वारा तरल यूरिया के छिड़काव की ओर देखा जा रहा है। आज जब पैक्स के माध्यम से दीदी खेतों में ड्रोन का छिड़काव करती हैं तो लोगों का मानना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था आधुनिकता से जुड़ रही है। शाह बुधवार को नई दिल्ली में सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार के कार्यालय भवन का उद्घाटन कर रहे थे।

शाह ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में सहकारिता क्षेत्र में कई अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। लोग कहते थे कि सहारा समूह में फंसे लोगों का पैसा वापस नहीं मिलेगा, लेकिन अब तक सहारा समूह की सहकारी समितियों के करीब 1.5 करोड़ निवेशकों का पंजीकरण हो चुका है और 2.5 लाख लोगों को 241 करोड़ रुपये वापस भी मिल चुके हैं। शाह ने कहा कि बहुराज्यीय सहकारी समितियों के लिए बनाए गए नए कानूनों को सभी ने अक्षरश: लागू किया है। यह इस तथ्य का सबसे बड़ा उदाहरण है कि सहकारी क्षेत्र स्वयं सुधारों को पुनर्जीवित करना चाहता है और उनका स्वागत करता है। यदि सहकारी क्षेत्र अपनी विश्वसनीयता खो देता है, तो न केवल विस्तार होगा, बल्कि अस्तित्व का संकट भी होगा।

30 महीने और 60 पहल

गृह मंत्री ने कहा कि देश में लगभग 125 साल पुराना सहकारी आंदोलन समय के साथ कमजोर हो गया है। कानून अप्रासंगिक हो गए हैं और ऊपर से नीचे तक की पूरी सहकारी समितियों को समय के साथ चलना है। इस वजह से आजादी के 75 साल बाद भी पीछे मुड़कर देखने पर लगता था कि सहकारिता आंदोलन को उसी गति से आगे बढ़ना चाहिए था, जिस गति से आगे बढ़ना चाहिए था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने पिछले 30 महीनों में 60 पहल की हैं।

पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में सहकारी समितियों का महत्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित करके, हम इसे 21 वीं सदी में ले जाएंगे। सहकारिता विकसित भारत के विजन को पूरा करेगी। शाह ने कहा कि सहकारी समितियों में ही करोड़ों गरीब लोगों को बिना पूंजी के देश के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाने की क्षमता है। यह सहकारिता का ही चमत्कार है कि आज गुजरात में 36 लाख परिवार पशुपालन व्यवसाय से जुड़े हैं और उनका सालाना टर्नओवर 60 हजार करोड़ रुपये है।

देश में बनाए जाएंगे 2 लाख नए पैक

शाह ने कहा कि सहकारिता के हर क्षेत्र में देश ने प्रगति की है। सरकार का लक्ष्य देश में 2 लाख नए जोड़ने, पैक्स को पंजीकृत करने का है। अब तक 12000 से अधिक पैक्स पंजीकृत हो चुके हैं और हम समय से पहले इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। बहु-राज्य सहकारी ऋण समितियों को बैंकों में परिवर्तित होने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। 2020 में 10 और 2023 में 102 बहुराज्यीय सहकारी समितियों का पंजीकरण किया गया है। यह 10 गुना वृद्धि है। हमें इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए ताकि अधिक से अधिक बैंक मल्टीस्टेट हों। अधिक से अधिक बहु-राज्य सहकारी समितियों का निर्माण करें और क्रेडिट समितियों में परिवर्तित हों।

 

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