राज्यसभा में MSP और किसान कल्याण पर सरकार का रुख: लागत पर 50% मुनाफ़ा सुनिश्चित

नई दिल्ली, 5 दिसंबर, 2025 (कृषि भूमि डेस्क): केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहा ने शुक्रवार को राज्यसभा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और किसानों के हितों से जुड़े विभिन्न सवालों का जवाब दिया। सांसदों ने विशेष रूप से MSP को कानूनी गारंटी देने की मांग पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। राजस्थान से कांग्रेस सांसद मुकुल वासनिक ने राज्यसभा में यह सवाल उठाया कि क्या सरकार MSP को कानूनी जामा पहनाने के लिए तैयार है। इसके जवाब में मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, MSP पर फसलों की खरीद रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई है। उन्होंने पुष्टि की कि सरकार ने तुअर, उड़द और मसूर जैसी दलहनी फसलों की खरीद के लिए मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत राज्य उत्पादन का 100 प्रतिशत खरीदने की मंजूरी दे दी है।

किसानों के कल्याण पर सरकार का फोकस

केंद्रीय मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान सदन को बताया कि मोदी सरकार ने किसानों के हित में तीन मुख्य मोर्चों पर ठोस कार्य किया है:

  1. कृषि उत्पादन को बढ़ाना

  2. किसानों की लागत को घटाना

  3. किसानों को उनकी उपज का उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का एकमात्र लक्ष्य देश के किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है।

स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें और रिकॉर्ड खरीद

शिवराज सिंह चौहान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वर्ष 2019 में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था कि MSP का निर्धारण किसानों की फसल लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह लागू करते हुए MSP तय कर रही है, और कई फसलों पर यह लाभ 50 प्रतिशत से भी अधिक दिया जा रहा है।

उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देने के फैसले को लेकर आशंका जताई जाती थी कि इससे मंडी व्यवस्था में विकृतियाँ आएंगी।

खरीद के आँकड़ों में ऐतिहासिक वृद्धि

कृषि मंत्री ने पिछली सरकारों की तुलना में मोदी सरकार के तहत हुई रिकॉर्ड खरीद का ब्यौरा प्रस्तुत किया:

  • खरीफ फसल (2004-2014 बनाम 2014-2024): कुल खरीद 46.89 करोड़ मीट्रिक टन से बढ़कर 81.86 करोड़ मीट्रिक टन हो गई है।

  • रबी फसल (2004-2014 बनाम 2014-2024): कुल खरीद 23.02 करोड़ मीट्रिक टन से बढ़कर 35.40 करोड़ मीट्रिक टन तक पहुँच गई है।

  • दलहन: तिलहन और दलहन की खरीद को बढ़ावा देने के लिए चलाई गई PM-AASHA योजना के तहत, दलहन की खरीद 6 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 1.89 करोड़ मीट्रिक टन हो गई है।

  • तिलहन: तिलहन की खरीद भी 47.75 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 1.28 करोड़ मीट्रिक टन हो गई है।

उन्होंने बताया कि MSP के तहत की गई कुल खरीद का मूल्य 7.41 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 24.49 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।

कर्नाटक में तुअर खरीद का उदाहरण देते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों की शिथिलता के बावजूद केंद्र सरकार NAFED जैसी केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से किसानों से सीधे खरीद सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य दिलाना सरकार का अटूट संकल्प है।

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