नई दिल्ली, 10 नवंबर कृषि (भूमि डेस्क): देश भर में सोने-चांदी के दामों में फिर गिरावट देखी गई है। मजबूत अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिजर्व की वेट-एंड-वॉच नीति के चलते निवेशकों की दिलचस्पी कम हुई है, जिससे गोल्ड और सिल्वर दोनों ही कमजोर हुए हैं।
वर्तमान में दिल्ली में 24 कैरेट सोना ₹1,22,160 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना ₹1,11,990 प्रति 10 ग्राम पर है।
मुख्य शहरों में आज के गोल्ड रेट (₹ प्रति 10 ग्राम)
| शहर | 22 कैरेट सोना | 24 कैरेट सोना |
|---|---|---|
| दिल्ली | ₹ 1,11,990 | ₹ 1,22,160 |
| मुंबई | ₹ 1,11,840 | ₹ 1,22,010 |
| अहमदाबाद | ₹ 1,11,890 | ₹ 1,22,060 |
| चेन्नई | ₹ 1,11,840 | ₹ 1,22,010 |
| कोलकाता | ₹ 1,11,840 | ₹ 1,22,010 |
| हैदराबाद | ₹ 1,11,840 | ₹ 1,22,010 |
| जयपुर | ₹ 1,11,990 | ₹ 1,22,160 |
| भोपाल | ₹ 1,11,890 | ₹ 1,22,060 |
| लखनऊ | ₹ 1,11,990 | ₹ 1,22,160 |
| चंडीगढ़ | ₹ 1,11,990 | ₹ 1,22,160 |
मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में आज 24 कैरेट गोल्ड ₹ 1,22,020 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट ₹ 1,11,850 प्रति 10 ग्राम पर है। पुणे और बेंगलुरु में भी यही रेंज चल रही है।
एक सप्ताह में 24 कैरेट सोना करीब ₹ 980 और 22 कैरेट सोना ₹ 1,160 सस्ता हो चुका है।
वैश्विक बाजार में रुझान
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का हाजिर भाव $ 3,996.93 प्रति औंस तक गिर गया है। गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि दिसंबर 2026 तक सोना $ 4,900 प्रति औंस तक जा सकता है, जबकि ANZ Research ने इसे $ 4,600 प्रति औंस के करीब बताया है। डीएसपी मेरिल लिंच के विश्लेषकों का कहना है कि दीर्घकाल में सोने की तेजी अभी समाप्त नहीं हुई है, हालांकि निकट भविष्य में डॉलर की मजबूती से दबाव रहेगा।
फेडरल रिजर्व के संकेतों के मुताबिक अगली ब्याज दर कटौती 2026 की दूसरी तिमाही तक टाली जा सकती है, जिससे डॉलर मजबूत रहने और कीमती धातुओं की डिमांड कम होने की संभावना है।
चांदी भी हुई सस्ती
सोने की तरह चांदी के दाम में भी कमी आई है। 10 नवंबर को भारत में चांदी ₹ 1,52,400 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। वैश्विक बाजार में चांदी का हाजिर भाव $ 48.48 प्रति औंस है, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 2 % कम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मजबूत संकेतों, उच्च ट्रेज़री यील्ड और डॉलर इंडेक्स में तेजी से सोने की सुरक्षित निवेश मांग कम हुई है। इसके साथ ही चीन और यूरोप की कमज़ोर डिमांड, और सेंट्रल बैंकों की निष्क्रिय खरीदारी ने भी सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ाया है।
भारत में, डोमेस्टिक फैक्टर्स जैसे रुपये की मजबूती, आयात लागत में कमी और शादी सीजन की धीमी मांग भी सोने-चांदी की कीमतों को प्रभावित कर रही है।
आगे का अनुमान
गोल्डमैन सैक्स, ANZ Bank, और JP Morgan Commodities Desk के विश्लेषक मानते हैं कि 2025 की चौथी तिमाही तक सोना $ 4,100 – $ 4,300 प्रति औंस की रेंज में रह सकता है, और 2026 में धीरे-धीरे उछाल आ सकता है जब फेड नीति ढीली पड़ेगी।
भारतीय बाजार में विवाह मांग के कारण दिसंबर से मार्च के बीच थोड़ी तेजी देखी जा सकती है, लेकिन निकट भविष्य में कीमतों के फिर से ₹ 1.21 लाख से ₹ 1.23 लाख के बीच रहने की संभावना है।
सोने-चांदी की कीमतों में यह गिरावट निवेशकों के लिए सतर्कता का संकेत है। डॉलर की मजबूती और फेड नीति की अनिश्चितता से निकट भविष्य में धातुओं पर दबाव रहेगा, लेकिन दीर्घ काल में सोना अब भी एक सुरक्षित और स्थायी निवेश माना जा रहा है।
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