दिल्ली, 07 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो): विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात के रूप में नॅशनल डेअरी डेव्हलपमेंट बोर्ड (NDDB) और मदर डेअरी के सहयोग से दुग्धविकास प्रकल्प का दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है। इस योजना के तहत विदर्भ के 11 और मराठवाड़ा के 8 जिलों में दूध उत्पादन और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।
इस संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा महाराष्ट्र की पर्यावरण एवं पशुसंवर्धन मंत्री पंकजा मुंडे के बीच नई दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में दूध संकलन, चारा उत्पादन और पशुपालकों को प्रशिक्षण देने जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में राज्य के पशुसंवर्धन सचिव एन. रामास्वामी, आयुक्त प्रवीणकुमार देवरे, NDDB के चेयरमैन डॉ. शहा, विदर्भ-मराठवाड़ा दुग्ध प्रकल्प के संचालक डॉ. बोरानी और डॉ. श्रीधर भी उपस्थित थे।
इस प्रकल्प का उद्देश्य दुग्धविकास क्षेत्र में उपलब्ध दूध का अधिकतम संकलन करना, उच्च उत्पादन क्षमता वाली गाएं और भैंसें किसानों को उपलब्ध कराना, पशु प्रजनन पूरक खाद्य और दूध में फैट व एसएनएफ बढ़ाने वाले पोषक तत्वों की आपूर्ति करना है। साथ ही बहुवार्षिक चारा फसलों के लिए अनुदान, विद्युत चलित कडबाकुट्टी (चैफ कटर) मशीनें, मुरघास (सिलेज पैकिंग थैली) वितरण और आधुनिक पद्धतिसे दूध व्यवसाय करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
इससे पहले प्रकल्प का पहला चरण विदर्भ और मराठवाड़ा के 11 जिलों में सफलतापूर्वक लागू किया गया था। अब दूसरे चरण में कुल 19 जिलों को शामिल किया गया है और सभी में दूध संकलन के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, बीड जिले में हाल ही में हुई अतिवृष्टि से हुए नुकसान और अन्य विकास कार्यों के संदर्भ में मंत्री पंकजा मुंडे ने केंद्रीय मंत्री गडकरी को एक पत्र सौंपा, जिसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
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