मुंबई, 3 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
काली मिर्च की कीमतों में वृद्धि जारी है, और इसके पीछे के मुख्य कारण आपूर्ति की कमी और लगातार मांग हैं। वैश्विक बाजार में काली मिर्च की मांग बढ़ रही है, जिससे भारत जैसे उत्पादक देशों को इसका फायदा मिल रहा है। भारतीय बाजार में काली मिर्च की कीमतें भी बढ़ रही हैं, और कोच्ची टर्मिनल मार्केट में बिना ग्रेड किए हुए काली मिर्च की कीमत 685 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
काली मिर्च की कीमतों में वृद्धि के कारण:
– आपूर्ति की कमी: भारत में काली मिर्च का उत्पादन 2024 में 60,000 टन तक रहने वाला है, जबकि देश में काली मिर्च की खपत लगभग 66,000 टन है। इस कमी को पूरा करने के लिए भारत को श्रीलंका और वियतनाम से आयात करना होगा।
– लगातार मांग: वैश्विक बाजार में काली मिर्च की मांग बढ़ रही है, जिससे भारत जैसे उत्पादक देशों को इसका फायदा मिल रहा है। अमेरिका और यूरोप से मांग बढ़ने से भारतीय किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं।
काली मिर्च की कीमतों का भविष्य:
– त्योहारी सीजन में मांग बढ़ सकती है: त्योहारी सीजन में काली मिर्च की मांग बढ़ सकती है, जिससे इसके दाम फिर से स्थिर होने के अनुमान जताए जा रहे हैं।
– वैश्विक बाजार की स्थिति: वैश्विक बाजार में काली मिर्च की मांग और आपूर्ति की स्थिति काली मिर्च की कीमतों को प्रभावित करेगी। यदि वैश्विक बाजार में मांग बढ़ती है और आपूर्ति कम होती है, तो काली मिर्च की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
मंडियों में काली मिर्च की कीमतें
केरल की मंडियों में कीमतें: केरल की मंडियों में काली मिर्च की कीमतें बढ़ रही हैं। केरल में काली मिर्च का उत्पादन अधिक होता है, और यहां की मंडियों में कीमतें वैश्विक बाजार को प्रभावित करती हैं। काली मिर्च की कीमतों में वृद्धि जारी रहने की संभावना है, और इसके पीछे के मुख्य कारण आपूर्ति की कमी और लगातार मांग हैं।
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