पटना, 22 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को आधुनिक और डिजिटल कृषि बाजार से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राज्य की 20 प्रमुख कृषि मंडियों को “e-NAM” (राष्ट्रीय कृषि बाजार) से जोड़ने की योजना की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को बेहतर मूल्य, पारदर्शी व्यापार और देशभर के खरीदारों से सीधा संपर्क सुनिश्चित कराना है।
क्या है ई‑नाम?
ई‑नाम (e-NAM) एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसे भारत सरकार ने कृषि उत्पादों के व्यापार को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए शुरू किया है। इससे किसान अपना उत्पाद देशभर के पंजीकृत व्यापारियों को बेच सकते हैं, बिना किसी बिचौलिये के।
किसानों को होंगे ये फायदे:
- स्थानीय बाजारों तक सीमित न रहकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच
- उत्पादों का बेहतर मूल्य मिलने की संभावना
- डिजिटल भुगतान और पारदर्शी लेन-देन
- मंडियों में प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से मूल्य निर्धारण
राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में चुनी गई 20 मंडियों में आवश्यक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रेनिंग और तकनीकी सहायता दी जाएगी, जिससे वहां के किसान और व्यापारी आसानी से ई-नाम प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकें।
राज्य सरकार ने की घोषणा, पारदर्शिता और आमदनी में होगा सुधार
मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार (Nitish Kumar) ने इस कदम को “कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की दिशा में अग्रसर एक बड़ा बदलाव” बताया। उन्होंने कहा,“हमारा प्रयास है कि राज्य के किसान देश के किसी भी हिस्से में अपने उत्पाद बेच सकें और उनकी आमदनी में वास्तविक सुधार हो। ई-नाम से जुड़ाव उसी दिशा में एक मजबूत पहल है।”
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दो वर्षों में सभी प्रमुख कृषि मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाए। साथ ही किसानों को इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।
बिहार की यह पहल कृषि क्षेत्र में तकनीकी बदलाव को गति देगी और किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाने में मदद करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू किया गया, तो यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
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