नई दिल्ली, 20 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
देश में इस खरीफ सीजन के दौरान मक्का उत्पादन में संभावित वृद्धि की खबरों से मंडियों में मक्का (Maize) के दामों पर दबाव दिखने लगा है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर बारिश का रुख अनुकूल बना रहा तो मक्का का कुल उत्पादन इस वर्ष पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हो सकता है, जिससे इसके बाजार भाव स्थिर या हल्के नरम रह सकते हैं।
मौसम विभाग द्वारा इस सीजन में सामान्य से बेहतर वर्षा की संभावना जताने के बाद कई प्रमुख कृषि राज्यों जैसे कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में मक्का की बुवाई रफ्तार पकड़ चुकी है। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, मक्का की बुवाई रकबा पिछले साल के मुकाबले 6–8% अधिक है।
बाजार में दामों पर असर
प्रमुख मंडियों में मक्का के दाम ₹1,950–₹2,100 प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं, लेकिन बढ़ी हुई आपूर्ति के अनुमान से कई जगह MSP से नीचे कारोबार हो रहा है। स्टॉकिस्ट और व्यापारी नई फसल की आवक से पहले सतर्क रुख अपनाए हुए हैं, जिससे खरीदारी दबाव में है।
किसान और बाजार की चिंताएं:
किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकारी खरीद पर्याप्त नहीं हुई तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, पशु आहार और स्टार्च उद्योग के लिए यह स्थिति लाभकारी हो सकती है क्योंकि कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ने से इनकी लागत घट सकती है।
विश्लेषकों का कहना है कि यदि सितंबर–अक्टूबर में मक्का की नई फसल की आवक तेज़ हुई और निर्यात मांग कमजोर रही, तो बाजार में और नरमी आ सकती है। हालाँकि, मानसून की चाल और अंतरराष्ट्रीय बाजार की दिशा भी कीमतों को प्रभावित करेगी।
सरकार की ओर से MSP पर खरीद की कोई ठोस योजना अब तक सामने नहीं आई है। अगर उत्पादन वाकई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचता है, तो बफर स्टॉक की नीति, निर्यात प्रोत्साहन या प्रसंस्करण क्षेत्र को समर्थन देना जरूरी हो सकता है। मौजूदा संकेतकों को देखते हुए मक्का बाजार में कीमतें फिलहाल स्थिर से नरम रह सकती हैं।
===
हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें: