नई दिल्ली, 11 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
उत्तर भारत (UP) के प्रमुख अनाज मंडियों में चने (चना दाल) के भाव इस सप्ताह नरम देखे गए हैं। इसकी मुख्य वजह दाल मिलों की कमजोर खरीदारी और मंडियों में दैनिक आवक का सामान्य से अधिक बने रहना है।
कृषि मंडी सूत्रों के अनुसार, इन दिनों चने की आवक बढ़ी हुई है, लेकिन खरीदारों की ओर से रुचि कम होने के कारण कीमतों में दबाव बना हुआ है। मिलों द्वारा सीमित मात्रा में ही चने की खरीद की जा रही है, जिससे बाजार में मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन पैदा हो गया है।
वर्तमान बाजार भाव (11 अगस्त 2025):
– काबुली चना: ₹6,800 – ₹7,200 प्रति क्विंटल
– देसी चना (मीडियम क्वालिटी): ₹5,200 – ₹5,500 प्रति क्विंटल
– चना दाल (थोक बाजार में): ₹7,000 – ₹7,300 प्रति क्विंटल
लोकल ट्रेडर्स के मुताबिक, दाल मिलों को बिक्री की गति धीमी है, जिसके कारण वे चने की नई खरीद में रुचि नहीं दिखा रही हैं। अगर यही स्थिति बनी रही तो आगे और गिरावट संभव है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आने वाले दिनों में उपभोक्ता मांग नहीं बढ़ी या मिलों की खरीद में तेजी नहीं आई, तो चने के दामों में और नरमी देखी जा सकती है। हालांकि, त्योहारी सीजन नजदीक होने से कुछ हद तक मांग में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
किसानों का कहना है कि वर्तमान भाव लागत के आसपास हैं, जिससे उन्हें ज्यादा लाभ नहीं हो पा रहा है। सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर प्रभावी खरीद की मांग भी दोबारा उठने लगी है।
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