मुंबई, 2 दिसंबर, 2025 (कृषि भूमि डेस्क): भारत ‘ब्लू इकोनॉमी (Blue Economy)’ को बढ़ावा देने और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग (Sustainable Use) के लिए अपनी प्रतिबद्धता को लगातार मजबूत कर रहा है। इसी क्रम में, देश के प्रमुख तटीय शहर कोच्चि (Kochi) को 7वें भारत अंतर्राष्ट्रीय समुद्री शैवाल एक्सपो-समिट 2026 की मेजबानी के लिए चुना गया है। यह वैश्विक आयोजन भारत को समुद्री शैवाल (Seaweed) उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
समुद्री शैवाल क्यों है महत्वपूर्ण?
समुद्री शैवाल, जिसे सीवीड (Seaweed) भी कहा जाता है, केवल एक जलीय वनस्पति नहीं है, बल्कि यह भविष्य के लिए एक ‘सुपरफूड’ और एक महत्वपूर्ण औद्योगिक कच्चा माल है। भारत में समुद्री शैवाल की खेती से तटीय समुदायों को अतिरिक्त आय और रोज़गार के अवसर मिलते हैं, जिससे उनकी आजीविका (Livelihood) मजबूत होती है। इसका उपयोग भोजन के अलावा एगर (Agar) और कैरागीनन (Carrageenan) जैसे जिलेटिन बनाने में होता है, जिनका इस्तेमाल फार्मास्यूटिकल्स, सौंदर्य प्रसाधन (Cosmetics) और जैव ईंधन (Biofuel) उद्योगों में होता है। समुद्री शैवाल कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने में बहुत प्रभावी हैं, जिससे वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में सहायक होते हैं।
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य और वैश्विक भागीदारी
यह एक्सपो-समिट 2026 का उद्देश्य समुद्री शैवाल उद्योग के सभी हितधारकों (Stakeholders) को एक मंच पर लाना है, ताकि ज्ञान, नवाचार और सर्वोत्तम कार्यप्रणाली का आदान-प्रदान किया जा सके।
वैश्विक भागीदारी: इस शिखर सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के वैश्विक प्रतिनिधिमंडल (Global Delegations) भाग लेंगे। इसमें समुद्री शैवाल किसान, वैज्ञानिक, नीति निर्माता, उद्योगपति, और निर्यातक शामिल होंगे।
मुख्य फोकस: सम्मेलन का मुख्य फोकस भारत में समुद्री शैवाल उत्पादन, प्रसंस्करण (Processing), मूल्यवर्धन (Value Addition) और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार तक इसकी पहुँच सुनिश्चित करने पर रहेगा।
प्रदर्शनी (Expo): एक्सपो के दौरान समुद्री शैवाल से बने विभिन्न उत्पादों, नई तकनीक, और खेती के उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा। यह प्रदर्शनी भारतीय समुद्री शैवाल क्षेत्र की आधुनिक क्षमता को दुनिया के सामने रखेगी।
भारत का बढ़ता समुद्री शैवाल मिशन
भारत सरकार ने समुद्री शैवाल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के तहत एक महत्वकांक्षी सीवीड मिशन (Seaweed Mission) शुरू किया है।
उत्पादन लक्ष्य: इस मिशन का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में समुद्री शैवाल उत्पादन को वर्तमान स्तर से कई गुना बढ़ाना है, ताकि न केवल घरेलू ज़रूरतें पूरी हों, बल्कि निर्यात में भी इज़ाफा हो।
कोच्चि का महत्व: कोच्चि एक प्रमुख बंदरगाह और समुद्री अनुसंधान केंद्र है, जहाँ केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI) जैसे संस्थान स्थित हैं। इसलिए, यह शहर अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के लिए एक आदर्श स्थान है।
यह समिट भारत के समुद्री शैवाल किसानों और उद्यमियों के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है, जो उन्हें वैश्विक मानकों और बाज़ार की मांगों को समझने में मदद करेगा।
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