मुंबई, 13 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): अमेरिका में 43 दिनों से जारी ऐतिहासिक सरकारी शटडाउन आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया है। अमेरिकी संसद ने स्पेंडिंग बिल पारित किया और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसके बाद संघीय एजेंसियाँ फिर से सामान्य कामकाज शुरू करेंगी। यह शटडाउन अमेरिका के इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन रहा, जिसने लाखों कर्मचारियों और सरकारी सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
शटडाउन के दौरान कई कर्मचारी बिना वेतन या कम वेतन पर काम कर रहे थे। अब सरकार ने घोषणा की है कि उन्हें पूर्ण बकाया वेतन दिया जाएगा और जिन कर्मचारियों की सेवाएँ समाप्त कर दी गई थीं, उन्हें पुनः नियुक्त किया जाएगा। बिल के तहत जनवरी तक किसी नई बजट कटौती की संभावना भी नहीं है, जिससे अमेरिकी नागरिकों को तत्काल राहत मिलेगी। हालांकि डेमोक्रेट्स इस समझौते से असंतुष्ट हैं और उनका कहना है कि इतनी लंबी जद्दोजहद के बाद भी उनकी प्रमुख मांगें पूरी नहीं की गईं।
आर्थिक दृष्टि से शटडाउन खत्म होना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पिछले डेढ़ महीने से चली आ रही अनिश्चितता कम होगी। सरकारी विभागों के पुनः खुलने से आर्थिक गतिविधियाँ तेज होंगी, ठप पड़े अनुबंधों और भुगतान प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और बाजार का भरोसा सुधरेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि शटडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को कई अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, जिसका असर अमेरिका के चौथी तिमाही के GDP में दिखाई दे सकता है।
शटडाउन का प्रभाव क्रिप्टोकरंसी बाजार में भी देखने को मिला था। शुरुआत के बाद बिटकॉइन की कीमत एक दौर में $100,000 से नीचे गिर गई थी। वर्तमान में बिटकॉइन लगभग $101,987 पर कारोबार कर रहा है। अब जब सरकारी संचालन सामान्य हो गए हैं, बाजार में सुधार की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप के $2000 टैरिफ प्लान को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है, जो क्रिप्टो बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकती है।
सोना–चांदी के बाजार में भी पिछले कुछ हफ्तों में बढ़ी अनिश्चितता का असर साफ दिखा। शटडाउन के दौरान निवेशकों ने सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख किया, जिससे गोल्ड और सिल्वर में मजबूती आई। अब जबकि शटडाउन समाप्त हो गया है, निवेशकों की नजर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और दिसंबर में होने वाली संभावित फेड रेट कट पर रहेगी। कई विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में सोना–चांदी की कीमतों में आगे भी उछाल देखने को मिल सकता है, खासकर यदि ब्याज दरों को लेकर नरम रुख बरकरार रहता है।
कुल मिलाकर, 43 दिन की इस अस्थिरता के बाद शटडाउन का समाप्त होना अमेरिका और वैश्विक बाजारों दोनों के लिए राहत का संकेत है, लेकिन वास्तविक दिशा अगले कुछ हफ्तों में आने वाले आर्थिक फैसलों—विशेषकर टैरिफ नीति और फेडरल रिज़र्व के कदम—से तय होगी।
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