मुंबई, 28 जुलाई (कृषि भूमि डेस्क):
मलेशिया के डेरिवेटिव एक्सचेंज में पाम ऑयल (Palm Oil) के अक्टूबर वायदा अनुबंध में सोमवार को 31 रिंग्गित (लगभग ₹550) की गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के अंत में यह अनुबंध 3,936 रिंग्गित प्रति टन पर बंद हुआ।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से कमजोर वैश्विक मांग, तेल-तिलहन बाजार में नरमी और हालिया तेजी के बाद की प्रॉफिट बुकिंग के कारण आई है। इसके अलावा, मलेशिया और इंडोनेशिया में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद भी कीमतों पर दबाव बना रही है।
वैश्विक संकेत:
- चीन और भारत जैसे प्रमुख आयातक देशों से मांग में सुस्ती के संकेत मिले हैं।
- मलेशिया में जुलाई के तीसरे सप्ताह तक उत्पादन में 6–8% वृद्धि के शुरुआती आंकड़े सामने आए हैं।
- शिकागो सोया ऑयल और डेलियन पाम ऑयल में भी कमजोरी से सेंटिमेंट प्रभावित हुआ है।
तकनीकी स्थिति:
- हालिया कारोबारी सत्रों में अक्टूबर वायदा 4,020 रिंग्गित के उच्च स्तर तक गया था।
- 4,000 रिंग्गित के ऊपर प्रॉफिट बुकिंग शुरू हुई, जिससे दबाव और गहरा गया।
- तकनीकी रूप से, 3,920 रिंग्गित एक महत्वपूर्ण सपोर्ट स्तर है; इसके नीचे और गिरावट की संभावना बन सकती है।
भारत में पाम ऑयल ट्रेंड
भारत में थोक पाम ऑयल की औसत कीमत 0.28% की गिरावट के साथ ₹4,252 प्रति क्विंटल दर्ज की गई। भारत में रिफाइंड पाम ऑयल (RBD Palmolein) की थोक कीमतें भी ₹2–3 प्रति किलो कमजोर हुई हैं। कीमतों में शुरुआत में तेजी आई, लेकिन बाद में प्रॉफिट बुकिंग और कमजोर मांग के चलते गिरावट देखी गई। मौजूदा स्तर 4,252 लगभग ट्रेडिंग रेंज के मध्य में है। मौजूदा भाव स्थिरता के साथ करीब ₹4,250–₹4,300 प्रति क्विंटल के रेंज में है, जिसमें कमजोर मांग और प्रॉफिट बुकिंग का दबाव बना हुआ है।
पाम ऑयल की कीमतों में गिरावट फिलहाल मांग की कमजोरी और टेक्निकल करेक्शन का परिणाम है। हालांकि दीर्घकालिक दृष्टि से यदि मलेशिया और इंडोनेशिया से सप्लाई में ठहराव आता है या भारत में त्योहारी मांग बढ़ती है, तो बाजार में फिर से मजबूती देखी जा सकती है।
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