अब बदलते मौसम से नहीं होगा खेती को कोई नुकसान

भारत में खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। लेकिन जलवायु परिवर्तन से खेती पर बुरा असर पड़ रहा है। बेमौसम बारिश,ओला वृष्टि किसानों के लिए चिंता का विषय है। इससे फसलें बर्बाद हो रही हैं और उत्पादन में कमी आ रही है। हालाँकि इसपर कई शोध चल रहें की बदलते वातावरण में कैसे सुरक्षित खेती की जाए।

राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने बिहार राज्य के विभिन्न हिस्सों में जलवायु अनुकूल कृषि के कार्यान्वयन पर एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है।

बिहार सरकार के आवश्यक सहयोग से विश्वविद्यालय 11 जिलों के 14 कृषि विज्ञान केंद्रों में नवीनतम तकनीक और उन्नत बीज पर शोध कर रहा है, जिसे बदलती जलवायु परिस्थितियों में अपनाया जा सकता है।

इस परियोजना का उद्देश्य मुख्य रूप से मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सारण, गोपालगंज, मधुबनी, बेगुसराय और सीतामढी जैसे जिलों में किसानों की लागत और नुकसान को कम करते हुए फसल उत्पादकता को बढ़ाना है।

इस शोध के जरिये किसोनो को पारंपरिक मौसम पैटर्न में क्रमिक बदलावों से होने वाले जलवायु परिवर्तन के मूल प्रभाव और उन्हें हर कीमत पर कम करने के तरीके से भी अवगत कराया जा रहा है।

जलवायु परिवर्तन पर RPCAU उच्च स्तरीय अध्ययन केंद्र के परियोजना निदेशक रत्नेश कुमार झा का कहना है कि परियोजना सिंचाई के लिए टिकाऊ जल प्रबंधन और वर्षा जल संचयन तकनीकों के महत्व पर जोर देती है। उनका कहना है कि नवीन कृषि पद्धतियों को अपनाना, पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत करना और फसल पैटर्न और रोपण कार्यक्रम को संशोधित करना भी आवश्यक है।

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची

Krishi-Vision 2047

Cultivating a Sustainable Future

Join the movement to shape climate-resilient agriculture in Bharat. Meet policymakers, scientists, and farmers at Krishi-Vision 2047 a powerful day of ideas, innovation, and impact.