मुंबई, 4 अक्टूबर (कृषि भूमि ब्यूरो) : महाराष्ट्र के नासिक क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। राज्य के प्रमुख कृषि उत्पादों में शामिल कपास (Cotton) की बुवाई और उत्पादन पर इस बार मौसम ने बड़ा असर डाला है। कृषि विभाग के शुरुआती आकलन के अनुसार, करीब 30% कपास क्षेत्र भारी वर्षा से प्रभावित हुआ है। इससे आने वाले महीनों में राज्य के कुल कपास उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
बारिश ने बुवाई और फसल दोनों को नुकसान पहुँचाया
जून से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय रहने के कारण नासिक और आसपास के जिलों — धुले, नंदुरबार, जलगांव और अहमदनगर — में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। शुरू में यह बारिश खेती के लिए अनुकूल मानी गई थी, लेकिन लगातार भारी वर्षा और जलभराव ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
स्थानीय किसान वसंत पाटील का कहना है,
“हमने जुलाई के पहले हफ्ते में कपास की बुवाई की थी, लेकिन लगातार हुई बारिश से बीज सड़ गए। कुछ खेतों में दोबारा बुवाई करनी पड़ी, जिससे लागत दोगुनी हो गई। अब मौसम फिर बिगड़ गया है।”
कई इलाकों में खेतों में पानी जमा रहने से न केवल बीज अंकुरण पर असर पड़ा, बल्कि पहले से उगी फसल भी सड़ने लगी। किसानों को दोबारा बीज, खाद, कीटनाशक और मजदूरी पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ा, जिससे उनकी इनपुट लागत में 25–30% तक इज़ाफा हुआ है।
फसल रोगों और कीटों का खतरा बढ़ा
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अत्यधिक नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव से कपास फसल पर गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) और फफूंदजनित रोगों का खतरा बढ़ सकता है। यदि अगले कुछ सप्ताह में मौसम सामान्य नहीं हुआ, तो फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों पर असर पड़ेगा।
डॉ. सुनील देशमुख, कृषि वैज्ञानिक, महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय, राहुरी ने बताया —
“कपास एक संवेदनशील फसल है। लगातार जलभराव से जड़ों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और पौधे मरने लगते हैं। वर्तमान परिस्थिति में उत्पादन में 25–35% तक कमी का अनुमान है।”
आर्थिक असर और किसानों की मांग
कपास महाराष्ट्र की मुख्य नकदी फसलों में से एक है। राज्य में हर साल करीब 40 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती होती है। यदि उत्पादन घटता है तो इसका असर न केवल किसानों की आय पर पड़ेगा, बल्कि कपड़ा मिलों और निर्यात कारोबार पर भी पड़ेगा।
स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में फसल क्षति सर्वे शुरू कर दिया है। हालांकि, किसानों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द मुआवजा पैकेज घोषित करे और विशेष राहत योजना लाए।
किसान संगठनों ने राज्य सरकार से बीज, खाद और कीटनाशक पर सब्सिडी बढ़ाने, तथा ब्याजमुक्त ऋण पुनर्गठन जैसी राहत देने की अपील की है।
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