मुंबई, 27 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
महाराष्ट्र के नाशिक क्षेत्र के पाँच जिलों में 13 से 23 सितंबर के बीच हुई भारी बारिश ने खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुँचाया है। राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, 3.8 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद हुई हैं और लगभग 5.5 लाख किसान प्रभावित हुए हैं।
सबसे अधिक प्रभावित: अहिल्यानगर ज़िला
- अहिल्यानगर में लगभग 2.9 लाख हेक्टेयर फसलें नष्ट हो गईं।
- इससे 974 गाँवों के 4.31 लाख किसान प्रभावित हुए हैं।
- पाथर्डी तालुका में 77,155 हेक्टेयर और शेवगांव तालुका में 58,695 हेक्टेयर ज़मीन पर फसलें नष्ट हुईं।
बारिश के कारण जिन फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, उनमें बाजरा, कपास, अरहर, मूंग, उड़द, प्याज, मक्का, सोयाबीन, केला शामिल हैं। इनमें से प्याज और सोयाबीन जैसे नकदी फसलों को नुकसान से किसानों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ सकता है।
अन्य प्रभावित जिले
- जलगांव: 69,363 हेक्टेयर पर फसलें बर्बाद
- नासिक: 13,801 हेक्टेयर, 65 गाँव, 20,222 किसान प्रभावित
- धुले और अन्य जिले भी नुकसान की श्रेणी में हैं।
राज्य के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल और राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों से सीधे संवाद किया। मंत्रियों ने आश्वासन दिया कि:
“राज्य सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ी है। प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द राहत प्रदान की जाएगी।”
राजस्व और कृषि विभाग की टीमें राहत मुआवजा और क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया शुरू कर चुकी हैं।
संभावित प्रभाव
- खरीफ सीजन के कुल उत्पादन में गिरावट
- स्थानीय मंडियों में प्याज व दालों की कीमतों में अस्थिरता
- बीमा क्लेम प्रक्रिया में तेज़ी की मांग
- पुनः बुआई या वैकल्पिक फसलों की योजना बनाने की आवश्यकता
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