नई दिल्ली, 14 अगस्त (कृषि भूमि ब्यूरो):
देश की कृषि अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाले एक अहम पहलू पर NABARD Consultancy Services (NABCONS) और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा तैयार एक नई रिपोर्ट ने गहरी चिंता जताई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2022 के बीच भारत में 54 प्रमुख कृषि वस्तुओं में कटाई के बाद विभिन्न चरणों—जैसे पैकिंग, भंडारण और परिवहन—में गंभीर नुकसान दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पोस्ट-हार्वेस्ट या कटाई के बाद होने वाला यह नुकसान न केवल किसानों की आय को प्रभावित करता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा, बाजार स्थिरता और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर डालता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह नुकसान उचित बुनियादी ढांचे की कमी, भंडारण सुविधाओं के अभाव, पुराने लॉजिस्टिक्स सिस्टम, और तकनीकी जानकारी की कमी के चलते होता है। फल, सब्जियां, अनाज, दालें, और तिलहन जैसी वस्तुओं में यह नुकसान विशेष रूप से चिंताजनक पाया गया है।
रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि पोस्ट-हार्वेस्ट प्रबंधन को बेहतर किया जाए, तो भारत न केवल कृषि उत्पादों की बर्बादी को कम कर सकता है, बल्कि कृषि निर्यात में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी कर सकता है।
NABCONS ने सरकार को सुझाव दिया है कि पोस्ट-हार्वेस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे कोल्ड स्टोरेज (Cold storage), साइंटिफिक वेयरहाउसिंग (Scientific Warehousing) , और प्रसंस्करण इकाइयों (Processing Units) में निवेश बढ़ाया जाए और किसानों को इस संबंध में प्रशिक्षण व सहयोग प्रदान किया जाए।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि नीति निर्माताओं द्वारा इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि भारत की कृषि उपज का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
===
भारत में गेहूं की खरीद तीन साल के सबसे उच्चतम लेवल पर होने के बाद भी नहीं पूरा हुआ टारगेट
आपूर्ति के लिए पर्याप्त है स्टॉक किसानो को msp के रूप में 57000 करोड़ का भुगतान : सरकार
हमारे लेटेस्ट अपडेट्स और खास जानकारियों के लिए अभी जुड़ें — बस इस लिंक पर क्लिक करें:
https://whatsapp.com/channel/0029Vb0T9JQ29759LPXk1C45