Commodity News: मध्य प्रदेश में मूँग-दाल किसानों को MSP से ऊपर मिल रहा भाव, मुनाफ़ा बढ़ा

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भोपाल, 28 जुलाई (कृषि भूमि डेस्क): मध्य प्रदेश (MP) के किसानों के लिए यह खरीफ सीजन लाभकारी साबित हो रहा है। राज्य के विभिन्न मंडियों में मूँग-दाल (Moong Dal) की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक दरों पर हो रही है, जिससे किसानों को अतिरिक्त मुनाफ़ा मिल रहा है। वहीं राज्य सरकार ने खेती के यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट सीडर मशीनों पर सब्सिडी योजना (Subsidy Scheme) भी लागू की है, जिससे लागत घटाने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल रही है।

MSP से ऊपर बिक रही मूँग, किसानों को राहत

इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा मूँग का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹8,682 प्रति क्विंटल तय किया गया था, जबकि कई मंडियों में मूँग की बिक्री ₹9,000 से ₹9,400 प्रति क्विंटल तक दर्ज की गई है। मंडी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, भोपाल, विदिशा, होशंगाबाद, और राजगढ़ जैसी प्रमुख कृषि मंडियों में मूँग की कीमतें MSP से ₹200-₹700 अधिक चल रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मूँग की आवक अपेक्षाकृत कम रही, जबकि मांग स्थिर बनी रही, जिससे दाम चढ़े हैं।

स्मार्ट सीडर मशीनों पर सब्सिडी से यंत्रीकरण को बढ़ावा

मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष खेतों की तैयारी और बुवाई को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से स्मार्ट सीडर मशीनों पर सब्सिडी देने की योजना शुरू की है। यह मशीनें एक ही बार में बीज बोने, खाद देने और मिट्टी को ढकने का कार्य करती हैं, जिससे समय और श्रम दोनों की बचत होती है। स्मार्ट सीडर मशीनें सटीक बुवाई और उर्वरक प्रबंधन में मदद करती हैं। इसके उपयोग से प्रति एकड़ उपज में 10-15% तक वृद्धि संभव है।

सब्सिडी का लाभ

– छोटे और सीमांत किसानों के लिए: 50% तक सब्सिडी

– अन्य किसानों के लिए: 40% तक सब्सिडी

– योजना ‘मुख्यमंत्री कृषि यंत्रीकरण योजना’ के अंतर्गत लागू है। (Chief Minister’s Agricultural Mechanization Scheme)

– लाभ के लिए ई-कृषि यंत्र पोर्टल पर आवेदन करना अनिवार्य है।

दोहरी राहत: उपज का अच्छा दाम और लागत में कटौती

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एक ओर जहां किसानों को उनकी फसलों के बेहतर दाम मिल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खेती में आधुनिक तकनीक लाकर उत्पादन लागत को भी घटाने की दिशा में ठोस पहल की गई है।

राज्य के कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “हमारा प्रयास है कि किसान सिर्फ उपज नहीं, मुनाफ़ा भी कमाए। मूँग के दाम और यंत्रीकरण योजनाओं से इस दिशा में सकारात्मक संकेत मिले हैं।”

कुल मिलाकर, मध्य प्रदेश में मूँग किसानों के लिए यह सीजन दोहरी राहत लेकर आया है—बेहतर बाजार भाव और तकनीकी सहायता। यदि यह ट्रेंड जारी रहता है, तो राज्य में दलहन फसलों की खेती को नई ऊर्जा मिल सकती है और किसानों की आय में स्थायी वृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है।

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