मिर्च पर गरमाई राजनीति, कर्नाटक में बिगड़ा माहौल

मिर्च का उपयोग वैसे तो खाने में स्वाद या तीखे के लिए किया जाता है। कर्नाटक की लाल मिर्च की डिमांड आपकों पूरी दुनिया में देखने को मिलेगी। लेकिन, फिलहाल इस मिर्च ने कर्नाटक की राजनीति को पूरी तरह से गर्म कर दिया है।

मिर्च को लेकर किसानों ने कर्नाटक मे बवाल काट दिया है। किसानों के बवाल का आलम ये है की उन्होने कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। किसानों ने ये आरोप लगाया की, उन्हे मिर्च के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं।

पिछ्ले एक हफ्ते में मिर्च के भाव मे काफी गिरावट देखने को मिली है। अब इस तरह की लागातार गिरावट से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट की माने तो कर्नाटक की मिर्च मंडी में एक समय 3.1 लाख मिर्च की बोरिया पहुंची थी लेकिन पिछ्ले कुछ समय मे इसमें गिरावट देखने को मिलीं।

रिपोर्ट मे ये भी खुलासा किया गया कि, पिछ्ले दिनो बाज़ार मे आई मिर्च की क्वालिटी काफी खराब थी जिसने मिर्च के भाव को गिराने का काम किया।

पिछ्ले साल मिर्च के भाव मे भारी तेज़ी देखने को मिलीं थी, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ था। अब उस मुनाफे को देखते हुए इस साल मिर्च की अच्छी खेती हुई लेकिन, इन सब के बाद मिर्च के दाम आचनक से गिर गए। रिर्पोट की माने तो किसानों ने APMC ऑफिस में भी भारी हंगामा किया और वहा के कई गैजेट्स भी तोड़ दिए। किसानों ने मौके पर मौजूद पुलिस के खिलाफ भी जमकर प्रर्दशन किया।

कुछ बातें जिन पर दिया जाना चाहिए ध्यान:

1. दिसंबर में पिछले साल डब्बी मिर्च का भाव 44000 रूपए क्विंटल था जो इस समय गिरकर 35000 पर आ गया है।

2. कड्डी मिर्च के भाव मे भी गिरावट देखने को मिली। पिछ्ले साल 43000 रूपए से भाव गिरकर 31500 पर आ गईं।

3. गुंटूर मिर्च के भाव भी 16000 रूपए से लुढ़ककर 12000 पर आ गए हैं।

शेयर :

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

ताज़ा न्यूज़

विज्ञापन

विशेष न्यूज़

Stay with us!

Subscribe to our newsletter and get notification to stay update.

राज्यों की सूची

Krishi-Vision 2047

Cultivating a Sustainable Future

Join the movement to shape climate-resilient agriculture in Bharat. Meet policymakers, scientists, and farmers at Krishi-Vision 2047 a powerful day of ideas, innovation, and impact.