मुंबई, 19 सितंबर :
महाराष्ट्र के 29 जिलों में इस मानसून के दौरान हुई भारी बारिश ने राज्य के किसानों की कमर तोड़ दी है। करीब 41 लाख एकड़ खेतों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसका सीधा असर किसानों की आमदनी पर पड़ा है और आने वाले समय में सब्जियों तथा अन्य खाद्यान्नों की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है।
राज्य सरकार ने कहा है कि प्रभावित किसानों को हरसंभव मदद दी जाएगी। कृषि विभाग और जिला प्रशासन ने सर्वे शुरू कर दिया है ताकि नुकसान का सटीक आकलन किया जा सके और मुआवजा योजना ओं को लागू किया जा सके।
आपूर्ति पर असर, महंगाई की आशंका
विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में खेती प्रभावित होने से सब्जियों और अनाज की आपूर्ति घट सकती है, जिससे बाजार में कीमतें बढ़ना तय है। प्याज, टमाटर और हरी सब्जियों की दरों में निकट भविष्य में तेजी देखी जा सकती है।
मौसम की मार से बेबस किसान
लगातार बदलते मौसम और अनियमित बारिश ने एक बार फिर कृषि क्षेत्र की नाजुक स्थिति उजागर कर दी है। खेती पर निर्भर लाखों किसान प्राकृतिक आपदाओं के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
राहत उपायों पर विचार
राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि प्रभावित किसानों के लिए विशेष मुआवजा पैकेज और बीमा क्लेम प्रक्रिया को तेजी से लागू किया जाएगा। साथ ही, कृषि विशेषज्ञों ने मौसम-आधारित बीमा और जल-संवर्धन योजनाओं पर अधिक निवेश की आवश्यकता बताई है।
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