चंडीगढ़, 17 सितंबर (कृषि भूमि ब्यूरो):
हरियाणा में हाल ही में आई बाढ़ (Haryana floods) ने छह जिलों यमुनानगर, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, झज्जर और रोहतक में भारी तबाही मचाई है। आधे से ज्यादा खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं, कई गांव जलमग्न हो गए और शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हुई है।
फसलों को सबसे बड़ा नुकसान
- फतेहाबाद: 75,125 एकड़ फसल प्रभावित, जिसमें धान, कपास और नरमा की फसलें शामिल हैं। 19 मकान ढह गए, 300 घरों में पानी भर गया और दो लोगों की मौत हुई।
- हिसार: 276 गांव प्रभावित, 41,147 किसानों ने 2,59,756 एकड़ फसल नुकसान का दावा किया।
- जींद: 25,000 एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद, किसानों ने 45,816 एकड़ फसल में नुकसान दर्ज कराया।
- भिवानी: 1,13,751 एकड़ क्षेत्र प्रभावित; कपास, धान और बाजरा की फसलें बर्बाद।
- कैथल: 39 गांव प्रभावित, 6,000 एकड़ फसल खराब, 146 स्कूल बंद।
- कुरुक्षेत्र: 200 गांवों में 23,574 एकड़ फसल नष्ट।
- पानीपत: 18 गांवों की 4,500 एकड़ फसल डूबी, कुल नुकसान 14,000 एकड़ में।
नदियों का कहर और कटाव
- यमुनानगर: यमुना में उफान, 1,500 एकड़ जमीन नदी में समा गई।
- करनाल: 17 गांवों में 300 एकड़ जमीन कटाव से प्रभावित।
- सिरसा: घग्घर का जलस्तर 39,780 क्यूसेक, 310 गांव प्रभावित।
- अंबाला: टांगरी और घग्घर नदी में उफान, 85 गांव प्रभावित और 3,200 एकड़ फसल खराब।
शिक्षा व्यवस्था पर असर
- फतेहाबाद में 17 स्कूल, कैथल में 146 स्कूल और भिवानी में 25 स्कूल बंद।
- कई जिलों में शिक्षा पूरी तरह बाधित हुई, हालांकि अंबाला में 754 सरकारी और 250 निजी स्कूल खुले रहे।
प्रशासनिक चुनौतियाँ
बाढ़ से प्रभावित जिलों में हजारों किसान क्षति पूर्ति पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं। राहत और पुनर्वास कार्य जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश और नदियों के उफान से हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।
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