Google के भारत-निर्मित AI कृषि उपकरण अब मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और जापान में भी लॉन्च

Agriculture News

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (कृषि भूमि डेस्क): टेक दिग्गज Google ने भारत में विकसित और परीक्षण किए गए अपने AI-संचालित कृषि उपकरणों को अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों तक विस्तारित करने की घोषणा की है।

कंपनी के अनुसार, उसके दो प्रमुख API – Agricultural Landscape Understanding (ALU) और Agriculture Monitoring and Event Detection (AMED) – अब मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और जापान के विश्वसनीय परीक्षकों के लिए उपलब्ध होंगे।

यह कदम भारत में इनके सफल उपयोग के कुछ ही महीनों बाद आया है, जिससे कृषि को अधिक डेटा-आधारित, टिकाऊ और प्रभावी बनाने की दिशा में Google का अगला बड़ा कदम माना जा रहा है।

AI के ज़रिए कृषि में नया अध्याय
Google का कहना है कि यह विस्तार वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए AI के उपयोग की उसकी व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

कंपनी ने अपनी घोषणा में कहा, “जो समाधान भारत की सबसे गंभीर कृषि चुनौतियों का हल निकालते हैं, वे दुनिया के लिए भी रास्ता दिखा सकते हैं।”

Google का मानना है कि भारत में विकसित मॉडल, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों — जहां जलवायु और कृषि पैटर्न समान हैं — के लिए भी अत्यंत उपयोगी साबित होंगे।

ALU और AMED API क्या करते हैं
दोनों API रिमोट सेंसिंग और मशीन लर्निंग पर आधारित हैं और कृषि भूमि, फसलों, मिट्टी और मौसम के डेटा का विश्लेषण करते हैं।

  • ALU API खेतों, वनस्पतियों और जल स्रोतों की पहचान में मदद करता है।

  • AMED API फसल चक्र की निगरानी करता है — जैसे बुवाई और कटाई का समय, साथ ही बाढ़ या सूखे जैसी प्राकृतिक घटनाओं का पता लगाता है।

AMED सिस्टम लगभग हर 15 दिनों में डेटा अपडेट करता है, जिससे किसानों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं को लगभग रीयल-टाइम कृषि परिदृश्य की जानकारी मिलती है।

भारत में मिली बड़ी सफलता
भारत में Google के AI कृषि मॉडल पहले ही कई प्रमुख सरकारी और निजी परियोजनाओं का हिस्सा बन चुके हैं:

  • Amnex द्वारा विकसित कृषि DSS प्लेटफ़ॉर्म, जो कृषि और किसान कल्याण विभाग के लिए बनाया गया है, ALU और AMED API का उपयोग फसल स्वास्थ्य निगरानी, सिंचाई सलाह और जलवायु आकलन के लिए कर रहा है।

  • Vassar Labs, जो 1 करोड़ से अधिक किसानों तक पहुंचता है, अपने FieldWise प्लेटफ़ॉर्म में इन API को एकीकृत कर सिंचाई, कीट नियंत्रण और उर्वरक प्रबंधन पर डेटा-आधारित सलाह दे रहा है।

  • Sugee.io, एक फिनटेक स्टार्टअप, ALU API का उपयोग भूमि और फसल डेटा सत्यापन के लिए कर रहा है ताकि किसानों के लिए ऋण प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज़ बनाया जा सके।

  • ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (CEEW), AMED API की मदद से फसल विविधीकरण के लिए उपयुक्त क्षेत्रों की पहचान कर रही है, जिससे किसान जलवायु-अनुकूल और लाभदायक फसलों की ओर रुख कर सकें।

एशिया-प्रशांत विस्तार: सहयोग और नवाचार की दिशा में कदम
Google का कहना है कि इन API को मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और जापान तक पहुँचाने का उद्देश्य उन देशों में समान कृषि और जलवायु चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देना है।

कंपनी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि “इस क्षेत्र के डेवलपर्स, शोधकर्ता और एग्री-टेक कंपनियाँ इन मॉडलों का उपयोग खाद्य सुरक्षा, स्थिरता और किसानों की आजीविका में सुधार लाने वाले नए एप्लिकेशन विकसित करने के लिए करेंगी।”

‘भारत-प्रथम दृष्टिकोण’ से वैश्विक प्रभाव तक
Google का यह विस्तार उसके “India-First” दृष्टिकोण का अगला चरण है — यह दिखाता है कि स्थानीय AI अनुसंधान कैसे वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाल सकता है। भारत में विकसित तकनीकें अब उन देशों तक पहुँच रही हैं, जहाँ खेती, मौसम और मिट्टी की परिस्थितियाँ मिलती-जुलती हैं, जिससे AI-संचालित कृषि परिवर्तन की संभावनाएँ बढ़ रही हैं।

Google ने भारत में विकसित अपने AI कृषि उपकरणों (ALU और AMED API) को अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों तक विस्तार दिया है। यह कदम डेटा-संचालित कृषि, स्थिरता और जलवायु-स्मार्ट खेती की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित हो सकता है, जो भारत की सफलता को पूरे क्षेत्र में दोहराएगा।

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