मानसून के महीने में इन फूलों की खेती कर ने से बढ़ सकती है आवक

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लखनऊ : फूलों की खेती किसान भाई किसी भी मौसम में कर सकते हैं लेकिन बारिश के मौसम में इनकी खेती करने पर पानी कम लगता है और उत्पादन भी बढ़िया होता है। ऐसे में किसान भाई मानसून के सीजन में फूलों की खेती करके बेहतर उत्पादन करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। इस मौसम में फूलों की खेती करते हैं तो खेतों में पानी कम लगाना पड़ता है। मानसून के सीजन में किसान भाई ज्यादातर खरीफ फसलों जैसे धान, बाजरा ,अरहर, मक्का समेत अन्य फसलों की खेती करते हैं। ऐसे में मानसून के सीजन में फूलों की खेती करते  है तो बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

देश में कई राज्यों के किसान बड़े पैमाने पर फूलों की खेती करते हैं। फूलों की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। खासतौर पर सहालग के सीजन में फूलों की मांग बढ़ जाती है। त्योहारों पर भी बाजार में फूलों की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में किसान भाई इन अवसरों पर फूल  बेचकर सामान्य से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

बारिश में ज्यादातर किसान भाई गुड़हल की खेती करते हैं। इन  फूलों का उपयोग पूजा में किया जाता है विशेष रूप से देवी माता की पूजा में गुड़हल के फूल का उपयोग होता है। इसके अतिरिक्त गुड़हल के फूल का उपयोग ज्योतिष शास्त्र और तंत्र विद्या की साधना में भी किया जाता है। बारिश के मौसम में इसकी खेती किसान भाइयों के आय में बढ़ोतरी कर सकते  हैं।

बारिश के मौसम में कनेर के फूल का अच्छा उत्पादन होता है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर कनेर के फूल चढ़ाने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। हालांकि कनेर के फूल का उपयोग देवी-देवताओं की पूजा में भी किया जाता है। इसके अलावा यह मान्यता है कि घर में कनेर का पौधा लगाने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। कनेर के फूल कई रंगों के होते हैं।

चंपा का पौधा आप किसी भी मौसम में लगा सकते हैं लेकिन इसे बरसात के मौसम में लगाने पर पौधों का मोविकास बेहतर होता है। चंपा का पौधा लगाने के लगभग 5 साल बाद ही फूल आना प्रारंभ हो जाते हैं। यह चंपा के फूल बाजार में काफी महंगे बिकते हैं। इससे कई आयुर्वेदिक औषधियां भी बनाई जाती हैं। चंपा का रस आंखों में डालने से कई बीमारियाँ ठीक हो सकती हैं।

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