मुंबई, 13 अगस्त (कृषि भूमि डेस्क):
भारत के प्रीमियम मसालों में शुमार इलायची के दाम इस हफ्ते गिरकर ₹2,500 प्रति किलो से नीचे पहुंच गए हैं। कोट्टायम और इडुक्की की नीलामी में औसत बोली ₹2,480-2,490 प्रति किलो रही, जो पिछले महीने की तुलना में करीब 9-10 प्रतिशत कम है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट के पीछे उत्पादन में बढ़ोतरी, घरेलू और निर्यात दोनों ही मोर्चों पर मांग में कमी और खरीदारों की सुस्ती प्रमुख कारण हैं।
इस सीजन केरल और तमिलनाडु में मौसम अनुकूल रहने से इलायची की पैदावार में करीब 18-20 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। अनुमान है कि इस साल आपूर्ति 28,000 टन के आसपास रहेगी। बढ़ी हुई आपूर्ति के बीच मिठाई और मसाला उद्योग से थोक खरीद घट गई है, जबकि त्योहारी सीजन की शुरुआत अभी बाकी है। निर्यात के मोर्चे पर भी हालात कमजोर हैं। पश्चिम एशिया, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे प्रमुख बाजारों से ऑर्डर कम आए हैं, जबकि रुपये की मजबूती ने भारतीय इलायची को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए महंगा बना दिया है।
ट्रेडर्स का कहना है कि खरीदार फिलहाल ‘वेट एंड वॉच’ की नीति अपना रहे हैं और मांग बढ़ने के लिए त्योहारों का इंतजार कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि किसान तुरंत पूरी फसल बेचने के बजाय स्टोरेज सुविधा का उपयोग करें और उच्च गुणवत्ता वाली इलायची को अलग कर प्रीमियम बाजार में बेचें।
अल्पकाल में कीमतें ₹2,400 से ₹2,550 प्रति किलो के बीच रहने का अनुमान है। हालांकि सितंबर-अक्टूबर में त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह के चलते 5-8 प्रतिशत तक सुधार की संभावना है। लेकिन अगर निर्यात मांग में सुधार नहीं हुआ, तो बाजार में दबाव जारी रह सकता है और दाम ₹2,300 तक फिसलने का खतरा बना रहेगा।
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