
उत्तराखंड में 40 साल के दौरान बदला मौसम का मिजाज, अब प्रभावित हो सकता है फसल उत्पादन
ग्लोबल वार्मिंग का असर मैदानी इलाकों में ही नहीं बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी देखने को
ग्लोबल वार्मिंग का असर मैदानी इलाकों में ही नहीं बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी देखने को
हिमाचल प्रदेश के किसानों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। दरअसल, बारिश न
भारत में शहद का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है और इसकी खपत भी। वहीं शहद उत्पादन
नए साल के आगमन के साथ ही उत्तर भारत में कोहरे और शीतलहर के साथ कड़ाके
केन्द्र ने दावा किया है कि देश को अगले पांच साल में विदेशों से दालों का
टमाटर और प्याज की कीमतों में गिरावट के कारण दिसंबर में खाने की थाली के दाम
केले के दाम में लगातार उछाल ने ग्राहकों को परेशान करना शुरू कर दिया है। हालांकि,
दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत के राज्यों में शीतलहर का कहर जारी है। इसके अलावा सुबह
किसानों और आम लोगों के लिए केन्द्र सरकार ने बड़ा ऐलान करने जा रही है। असल
इन दिनों गन्ने की कटाई चल रही है और गन्ना उपज मिलों में भेजी जा रही
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Join the movement to shape climate-resilient agriculture in Bharat. Meet policymakers, scientists, and farmers at Krishi-Vision 2047 a powerful day of ideas, innovation, and impact.