ब्रोकली से मोटा मुनाफा…कैसे करें इसकी खेती और किन किस्मों का करें चयन, एक क्लिक में जानिए

ब्रोकली खाने में स्वादिष्ट और पूर्ण रूप से पोषक तत्वों से भरपूर होती है, ब्रोकली विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होती है। ब्रोकली पत्तागोभी और फूलगोभी के परिवार से ताल्लुक रखती है। ब्रोकली का आकर फूलगोभी जैसा ही होता है लेकिन इसके फूल फूलगोभी से छोटे होते हैं। ब्रोकली की फसल लगाकर किसान काफी मुनाफा कमा सकते हैं। इस खबर में हम आपको बताएंगे की इसकी खेती कैसे की जाती है।

ब्रोकली के लिए ठंड का मौसम अनुकूल माना जाता है। ठंड के मौसम में इसका फूल अच्छा विकास करता है जिससे कि पैदावार अच्छी होती है। अक्टूबर और नवंबर के महीने में इसकी बुवाई की जाती है लगभग 3 से 4 महीने में इसकी फसल तैयार हो जाती है। पहाड़ी क्षेत्र ब्रोकली की खेती के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में इसका उत्पादन अच्छा होता है।

ब्रोकली के उत्पादन के लिए बलुई और दोमट मट्टी उपयुक्त मानी जाती है, खेत से जल निकास की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। खेत में पानी नहीं भरना चाहिए यदि खेत में पानी भरने से इसके पत्ते पीले पड़ जाते हैं।

पहले, मिट्टी पलटने वाले हल से गहराई जुताई की जाती है। उसके बाद खेत में प्रति एकड़ 500 से 600 क्विंटल गोबर की खाद डाली जाती है। गोबर की खाद डालने के बाद, खेत को सिंचाई करके पौधा रोपण के समय खेत में पर्याप्त नमी होने सुनिश्चित की जाती है। सिंचाई के बाद मिट्टी पलटने वाले हल से एक जुताई की जाती है और पाटा लगाया जाता है। इसके बाद देसी हल से दो जुताई की जाती है और हर जुताई के बाद पाटा लगाना अत्यावश्यक होता है ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए।

ब्रोकली की प्रमुख प्रजातियों में 9 स्टार,एनएस 50, वाल्थम 29, , ब्रोकोली संकर-1, टीडीसी 6 प्रमुख हैं। इसके अलावा इसकी हाइब्रिड किस्में में पाइरेट पेक, केटीएस 9, पूसा ब्रोकली 1 आदि शामिल हैं।

बीज को फफूंदीजनित रोग से बचाने के लिए नर्सरी में बोने से पहले थिरम या बाविस्टीन से उपचार करें। नर्सरी तैयार करने के लिए खेत में 2 लम्बाई की क्यारियाँ बनाएं, जिनकी ऊंचाई सतह से 2 से 3 सेंटीमीटर होनी चाहिए। ध्यान दें कि क्यारियाँ इस तरह बनाई जाएं कि पानी सही रूप से निकल सके। अब, 4 से 5 सेंटीमीटर की दूरी पर लाइन बनाएं और 2 से 3 सेंटीमीटर गहराई में बीज डालें। हाथों से मिट्टी से बीज को ढक दें और इसके बाद उपर से घासफूस डालें और फव्वारे से सिंचाई करें। जब बीजों में अंकुरण शुरू हो जाए तब घासफूस को हटा दें। समय-समय पर खरपतवार हटाने के लिए गुड़ाई करें।

पहली गुड़ाई 15 दिन और दूसरी गुड़ाई 45 दिन के अंतराल पर करें। 45 दिन पर की जाने वाली गुड़ाई में पौधे के ऊपर मिट्टी जरूर चढ़ाएं।

ब्रोकली की कटाई के समय इस बात का ध्यान रखें की फूलों में कली खिलने से पहले ही इसको तोड़ लेना चाहिए। फूल खिलने से इसकी पत्तियां पीली पड़ जाती है जिससे की इसकी गुणवत्ता ख़राब हो जाती है।

 

 

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