जीरा बाजार मजबूत, कम बुवाई से सप्लाई आउटलुक टाइट; वायदा-मंडी भावों में तेज़ी

अहमदाबाद, 27 दिसंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): देश के मसाला बाजार में जीरा (Cumin) की कीमतों में मजबूती का रुख जारी है। प्रमुख कारणों में कम बुवाई से सप्लाई आउटलुक टाइट होना और गुजरात में धीमी बुवाई शामिल हैं, जिसने बाजार में सप्लाई-संकट की आशंका बढ़ाई है।

गुजरात, जो भारत का प्रमुख जीरा उत्पादक राज्य है, में 15 दिसम्बर 2025 तक जीरा की बुवाई लगभग 3.24 लाख हेक्टेयर पर रही, जो पिछले साल की समान अवधि से करीब 14% कम है। यह गिरावट मौसम से जुड़ी चुनौतियों और अनियमित वर्षा के कारण हुई है, जिससे खेत तैयार करने में देरी हुई है।

इस कम बुवाई का असर सप्लाई आउटलुक पर साफ दिख रहा है, जिससे जीरा में सप्लाई की संभावनाएं टाइट बनी हैं। बाजार में आवक कम रहने के कारण उंझा सहित प्रमुख मंडियों में अच्छी गुणवत्ता वाले जीरा पर प्रीमियम रेट मिल रहे हैं।

वायदा बाजार में तेज़ी

वायदा बाजार में भी जीरा की मजबूती जारी है। जीरा वायदा भावों में हाल के दिनों में तेजी देखी गई है, जो सप्लाई-संकट और बुवाई की देरी के प्रभाव को दर्शाता है। आज के मुकाबले भावों ने ऊपर रुख अपनाया है, जबकि वायदा ओपन इंटरेस्ट में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे तकनीकी दृष्टिकोण से भी बाजार में ताजगी बनी हुई है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर आगे भी बुवाई आंकड़े कमजोर रहते हैं, तो वायदा बाजार में और तेजी की संभावना बनी रहेगी।

गुजरात की मंडियों में भी जीरे के भाव मजबूत बने हुए हैं:
📍 औसत मंडी भाव: लगभग ₹20,866/क्विंटल के आसपास रहा।
📍 न्यूनतम रेट: लगभग ₹19,465/क्विंटल
📍 अधिकतम रेट: ₹21,655/क्विंटल तक देखा गया।
कुछ मंडियों में विविध क्वालिटी के आधार पर रेंज ₹15,550 से ₹32,500/क्विंटल तक भी रही है। इन रेट्स से स्पष्ट होता है कि जीरा की बाजार में मांग मजबूती के साथ बनी है, विशेषकर उच्च क्वालिटी वाले जीरा पर प्रीमियम भाव मिल रहे हैं।

सप्लाई आउटलुक और आगे का रुख

गुजरात में बुवाई पिछले साल की तुलना में बुआई काफी कम दर्ज हुई, जिससे सप्लाई आउटलुक टाइट हुआ है। प्रमुख मंडियों में आवक कम है, जिससे भावों को सपोर्ट मिल रहा है। सप्लाई-संकट की आशंका के बीच वायदा भावों में तेजी बनी हुई है।

कुल मिलाकर जीरा बाजार में सप्लाई की संभावित कटौती और कम बुवाई के संकेतों के चलते मजबूती का रुख जारी है। गुजरात सरकार के आंकड़ों के अनुसार बुवाई में गिरावट ने बाजार को टाइट किया है, जिससे वायदा और मंडी भावों में तेजी देखने को मिल रही है। आने वाले हफ्तों में जैसे-जैसे बुवाई का प्रगतिशील डेटा आएगा, बाजार की दिशा और स्पष्ट होगी।

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