मुंबई, 19 नवंबर (कृषि भूमि ब्यूरो): चांदी के बाज़ार में बुधवार, 19 नवंबर को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सिर्फ एक दिन में चांदी का भाव 5000 रुपये तक गिर गया, जिससे बाजार में अचानक सुस्ती छा गई। मंगलवार को दिल्ली में चांदी का रेट 1,66,900 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो बुधवार को घटकर 1,61,900 रुपये पर आ गया। चेन्नई में भी दाम कम हुए हैं और आज वहां चांदी 1,69,900 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रही है, जो लगभग 3000 रुपये की गिरावट दर्शाता है।
यह लगातार तीसरा दिन है जब चांदी में कमजोरी देखी जा रही है। कुछ सप्ताह पहले यही चांदी चेन्नई में लगभग 2,06,000 रुपये प्रति किलो और दिल्ली में करीब 1,98,000 रुपये प्रति किलो के ऊपरी स्तर को छू चुकी थी। अब दरें उन ऊंचाइयों से काफी नीचे आ गई हैं, जिससे निवेशकों के बीच फिर से खरीदारी की उम्मीद बढ़ रही है।
चांदी के दाम में गिरावट का असर
उत्तर भारत के कई शहरों-दिल्ली, यूपी, बिहार-के साथ-साथ मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद और चेन्नई में भी हाल के दिनों में रेट लगातार नीचे आए हैं। एक ही दिन में 5000 रुपये तक की गिरावट ने बाजार की दिशा बदल दी है, जबकि पिछले कुछ समय में चांदी ने तेजी का लंबा दौर देखा था। यह गिरावट बाजार में बने दबाव और अंतरराष्ट्रीय संकेतों के कारण मानी जा रही है।
देश के बड़े शहरों में आज चांदी का रेट
आज बुधवार, 19 नवंबर 2025 को प्रमुख शहरों में चांदी के ताज़ा भाव इस प्रकार रहे:
| शहर | 1 किलोग्राम चांदी की कीमत |
|---|---|
| दिल्ली | ₹1,61,900 |
| मुंबई | ₹1,61,900 |
| अहमदाबाद | ₹1,61,900 |
| चेन्नई | ₹1,69,900 |
| कोलकाता | ₹1,61,900 |
| गुरुग्राम | ₹1,61,900 |
| लखनऊ | ₹1,61,900 |
| बेंगलुरु | ₹1,61,900 |
| जयपुर | ₹1,61,900 |
| पटना | ₹1,61,900 |
| भुवनेश्वर | ₹1,61,900 |
| हैदराबाद | ₹1,69,900 |
दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे उत्तर और पश्चिम भारत के शहरों में चांदी का रेट स्थिर रहा, जबकि चेन्नई और हैदराबाद में कीमतें अपेक्षाकृत अधिक दर्ज की गईं। उत्तर और दक्षिण भारत के भावों में लगभग 8000 रुपये का अंतर देखने को मिला।
इंडस्ट्री में बढ़ती चांदी की मांग
चांदी की गिरती कीमतों के बावजूद इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। पहले इसका उपयोग मुख्यतः गहनों, बर्तनों और पूजा सामग्री में होता था, लेकिन तकनीक के बढ़ते प्रभाव ने इसकी जरूरत को कई नए क्षेत्रों तक फैला दिया है। मोबाइल फोन, कंप्यूटर चिप्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और खासतौर पर सोलर पैनल निर्माण में चांदी की अहम भूमिका ने इसकी औद्योगिक मांग को बहुत बढ़ाया है।
इसी बढ़ती खपत के कारण पिछले एक वर्ष में चांदी के दाम लगातार ऊपर जाते रहे हैं। बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले महीनों में यदि मांग इसी तरह बढ़ती रही तो चांदी में वापस तेज उछाल देखने को मिल सकता है। फिलहाल की गिरावट को कई विशेषज्ञ अल्पकालिक सुधार की तरह देख रहे हैं।
चांदी में दर्ज की गई गिरावट ने बाजार को चौंका दिया है, लेकिन बढ़ती औद्योगिक मांग के चलते इसकी लंबी अवधि की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं। फिलहाल उतार-चढ़ाव के इस दौर में बाजार की हर चाल पर निवेशकों की नजर टिकी हुई है।
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